तनाव हमेशा बुरा नहीं होता
लंदन के वैज्ञानिकों ने शोध के बाद यह दावा किया है कि तनाव हमेशा बुरा नहीं होता है। जब तक कि यह आपकी लाइफ को अलग-अलग तरीके से प्रभावित ना करने लगे। पिछले कई दशकों से वैज्ञानिक इस दिशा में शोध कर रहे हैं कि तनाव किस तरह हमारे बॉडी ऑर्गन को प्रभावित करता है। हाल ही होक्काइडो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस बात को उजाकर किया और तनाव के काम करने का तरीका बताया। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि नॉन कोडिंग आरएनए फाइन ट्यूनिंग जीन की स्ट्रेस रिकवरी के दौरान एक अलग ही रोल में होते हैं। जब स्ट्रेस होता है, उस दौरान कुछ खास कोशिकाएं रायानिक तत्वों या हीट के संपर्क में आती हैं और फिर ये न्यूक्लियर स्ट्रेस बॉडीज बनाने में सहायता करती हैं। फिर जब तनाव या स्ट्रेस रिलीज हो जाता है तो सभी ऑर्गन्स आरएनए सेग्मेंट की रिटेंशन को प्रमोट करने करने लगते हैं। किसी मानसिक या शारीरिक समस्या के कारण तनाव में आ जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा हर इंसान के साथ हो सकता है। लेकिन अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहे और हमारी मानसिक स्थिति के साथ ही शारीरिक गतिविधियों को भी नियंत्रित करने लगे तब यह तनाव मेडिकल एक्सपर्ट्स की मदद से ही दूर किया जा सकता है। हमारे समाज में जिस तेजी के साथ मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं, अब सायंटिस्ट्स भी इस दिशा में अधिक से अधिक शोध कर रहे हैं। ताकि परेशान मरीजों को उनकी स्थिति के अनुरूप जल्द से जल्द प्रभावी मेडिकल सहायता दी जा सके।
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