कैंसर रोगी की 90 फीसदी कृत्रिम जीभ बनाकर बचाया
एक मरीज को तीसरे स्टेज के कैंसर पर पहुंचने के बाद एक नई जिंदगी के साथ एक नई जीभ भी मिली है। बताया जा रहा है कि मरीज कर्मचारी राज्य बीमा निगम कॉर्पोरेशन (ईएसआईसी) से संबंधित है, जिसका नाम सुरेश है। बल्लभगढ़ निवासी सुरेश को मुंह का कैंसर था। जो उसकी जीभ में एक गांठ के रूप में विकसित हुआ और धीरे-धीरे 90 फीसदी जुबान ही काटने की नौबत आ पड़ी। निजी अस्पतालों के साथ ईएसआईसी के अनुबंध के कारण सुरेश को सेक्टर-8 स्थित निजी अस्पताल में नई जिंदगी मिल सकी। सुरेश का कहना है कि ईएसआईसी से उसे सर्वोदय अस्पताल रेफर किया था। उस वक्त वह बोलना, खाना सब भूल चुका था। रेडियल आर्रटरी फोरम फ्री-फ्लिप नाम की तकनीक से उसका इलाज किया गया। अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ. शिवम वत्सल, प्लास्टिक सर्जन अंशुमाली मिश्रा का कहना है कि आर्रटरी फोरम फ्री-फ्लिप तकनीक के जरिए सुरेश की 10 फीसदी जीभ को कृत्रिम रुप से बनाई गई जीभ से जोड़ा गया। यह जीभ सुरेश की हाथ की रक्त कोशिकाओं व त्वचा को लेकर बनाई गई थी। कैंसर विभाग अध्यक्ष डॉ. सुमंत ने कहा कि कैंसर के 60 से 70 फीसदी मामले धूम्रपान व गुटखा सेवन के कारण सामने आ रहे हैं।
रीजनल नार्थ
कैंसर रोगी की 90 फीसदी कृत्रिम जीभ बनाकर बचाया