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स्वाति मालीवाल के समर्थन में मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प

स्वाति मालीवाल के समर्थन में मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प

स्वाति मालीवाल के समर्थन में मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प 
     महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के समर्थन में निकाले गए मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हो गई। राजघाट से संसद मार्ग तक निकाले जा रहे मार्च को पुलिस ने दिल्ली गेट पर रोक दिया था, जिसे लेकर प्रदर्शनकारियों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है। दिल्ली गेट स्थित फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के पास कई महिलाएं जख्मी हालत में मिलीं। कोई धक्का-मुक्की और झड़प के दौरान नीचे गिर गईं, तो बीनू नामक कॉलेज छात्रा का कान लहूलुहान था। उन्हें लोकनायक अस्पताल ले जाया गया। एक प्रदर्शनकारी के गले पर नाखूनों के निशान थे तो किसी की आंख बुरी तरह जख्मी। सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकालने पर पुलिस ने हमें मारा-पीटा और खरोंचा। बताया जा रहा है कि करीब 12 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर कमला मार्केट थाने में छोड़ा। आरोप है कि पुलिस ने कुछ मीडिया कर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की और कैमरा छीनने की कोशिश की। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने किसी से मारपीट नहीं की। बृहस्पतिवार को स्वाति मालीवाल के आमरण अनशन का 10वां दिन था। लगातार स्वास्थ्य गिरने से डॉक्टर भी चिंतित हैं। अब तक सरकार की ओर से एक भी प्रतिनिधि के धरना स्थल पर नहीं पहुंचने से लोगों में आक्रोश है। 
दिल्ली पुलिस के सेंट्रल डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है और न ही किसी फोटो जर्नलिस्ट का कैमरा छीना है। पुलिस ने घटनास्थल के माहौल को देखते हुए पीछे हटने के लिए कहा था। जब प्रदर्शनकारी उग्र हुए तो पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। घटना में किसी के भी जख्मी होने की शिकायत पुलिस के पास नहीं है। स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस का सारा जोर बस छात्रों पर चलता है। कोई दुष्कर्मी, चोर और अपराधी तो इनसे डरता नहीं। शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे छात्र-छात्राओं पर पुलिस कर्मी चढ़े, मुंह नोचा और थप्पड़ मारे। यही पुलिसकर्मी कुछ समय अपने लिए न्याय मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण मार्च को न सिर्फ पुलिस ने बीच में रोका, बल्कि लाठियों से घायल भी कर दिया। इस घमंडी सरकार को न तो देश की बेटियों की चीखें सुनती हैं और कोई अगर सुनाने की कोशिश करे तो उसे जख्मी कर दिया जाता है, ये शर्मनाक है।
राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल के अनशन का हवाला देते हुए सरकार से सवाल किए। उन्होंने कहा कि बीते 3 दिसंबर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष आमरण अनशन पर बैठी हैं, लेकिन सरकार की ओर से एक भी प्रतिनिधि या मंत्री उनसे मिलने तक नहीं गया। जिन घटनाओं ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, वहां केंद्र सरकार का इस पर सुस्त रवैया शर्मिंदगी भरा है। 

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