राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का 9 नवंबर का फैसला अंतिम, क्यूरेटिव याचिका बेमतलब : वेदांती
राम मंदिर विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के क्यूरेटिव याचिका दायर करने के बयान पर राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में जो ऐतिहासिक फैसला 9 नवंबर को सुनाया है, वह राष्ट्रहित के साथ देश में सांप्रदायिक सद्भाव और सामाजिक समरसता कायम करने वाला है। अब सुप्रीम कोर्ट इसके खिलाफ कोई आदेश पारित करने वाला नहीं है। वेदांती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से 19 रिव्यू याचिकाओं को खारिज कर दिया, इससे सांप्रदायिक तत्वों और मुस्लिम परस्ती की राजनीति करने वालों को सही जवाब मिल गया है। देश के 90 फीसदी मुस्लिम इस फैसले का सम्मान करते हुए इसे मान रहे हैं। 9 नवंबर के फैसले का सारे देश ने सम्मान किया, कहीं किसी भी वर्ग ने विरोध नहीं किया।
वेदांती ने आरोप लगाया कि रिव्यू याचिका दायर करने के पीछे ऐसे ही तत्व हैं, जो मस्जिद के नाम पर सांप्रदायिक संगठनों से मोटी रकम हासिल करते रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ऐसे लोगों की दुकानें बंद कर दी हैं। इसीलिए ये लोग छटपटा रहे हैं। वेदांती ने कहा कि यह फैसला सभी धर्म व संप्रदाय के हित में है, क्योंकि प्रभु राम सबके हैं, उन्हें किसी धार्मिक सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विद्वान न्यायाधीशों द्वारा गहन अध्ययन के बाद सुनाए गए फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए। साथ ही आपसी भाईचारे का माहौल बनाने में भागीदार होना चाहिए। वेदांती ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मोदीजी अब जो भी बड़े फैसले ले रहे हैं, वे सभी राष्ट्रहित में हैं, जिसका स्वागत हो रहा है।
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राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का 9 नवंबर का फैसला अंतिम, क्यूरेटिव याचिका बेमतलब : वेदांती