सुप्रीम कोर्ट पहुंची जामिया की जंग, सीजेआई ने कहा- हिंसा का अधिकार किसी को नहीं
वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्वेस ने मांग कि है की सेवानिवृत्त न्यायाधीश को जामिया मामले में जांच होनी चाहिए। सीजेआई बोबडे ने कहा कि हम वीडियो नहीं देखना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमले की घटनाओं पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव और सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान पर सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे, लेकिन दंगों के माहौल में नहीं, इस सब को रोकेंगे और फिर हम इस पर संज्ञान लेंगे। हम अधिकारों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं पर हिंसा का अधिकार किसी को नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्वेस ने मांग कि है की सेवानिवृत्त न्यायाधीश को जामिया मामले में जांच होनी चाहिए। सीजेआई बोबडे ने कहा कि हम वीडियो नहीं देखना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार किया था।
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