वीसी का दावा, हिंसा में बड़ी संख्या में घायल हुए जामिया के छात्र
दिल्ली नागरिकता कानून को लेकर रविवार को दक्षिण दिल्ली में हुए बवाल के एक दिन बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की वीसी नज़मा अख्तर ने दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर दिल्ली पुलिस को विश्वविद्यालय में घुसने की इजाजत किसने दी? इसको लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जामिया के छात्रों की मौत की अफवाह फैलाई गई थी, जो अफवाह है। वहीं, वीसी ने स्वीकार किया है कि तकरीबन 200 लोग घायल हुए हैं, जिनमें जामिया के छात्र भी हैं।
यहां पर बता दें कि रविवार को प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों को मथुरा रोड पर हुए बवाल के बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ दिया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिल्ली पुलिस के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय कैंपस में घुसकर मारपीट करने की अफवाह फैलाई गई थी। विवि सूत्रों ने साफ किया है कि पुलिस को परिसर में घुसने की अनुमति नहीं थी। विवि प्रशासन ने कहा कि आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले कुछ संदिग्ध उपद्रवी विवि परिसर में घुस आए। उनकी शिनाख्त करते हुए पीछे-पीछे दिल्ली पुलिस भी परिसर में दाखिल हुई। इस दौरान प्रशासनिक भवन के पास कुछ अज्ञात लोगों ने दिल्ली पुलिस पर हमला कर दिया। जिसके बाद जवाबी हमले में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस दौरान कई हॉस्टल की लाइटें भी चलीं गईं जिससे भगदड़ का माहौल बन गया। जामिया प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अराजक तत्व जामिया छात्रों के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का दुरुपयोग कर विश्वविद्यालय के नाम को बदनाम कर रहे हैं।
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