सीएए- केरल के गर्वनर बोले- कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे बंद करने की अपील की है और कहा कि किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। खान से जब कोच्चि में संवाददाताओं ने मौजूदा घटनाक्रम के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘हमें कानून को अपने हाथों में लेने का कोई अधिकार नहीं है... हमें हिंसा में संलिप्त होने का अधिकार नहीं है।’ राज्य में अप्रत्याशित रूप से कई छात्र संगठनों और युवा इकाईयों ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन राज्यपाल के आधिकारिक आवास राजभवन के बाहर भी हुआ, जिसके चंद घंटों बाद राज्यपाल का यह बयान आया। यहां सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाईयों एसएफआई और डीवाईएफआई समेत विपक्षी कांग्रेस केएसयू ने प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर दिल्ली स्थित जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर की गई दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का वीडियो वायरल होने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया।
राज भवन के बाहर लगे अवरोधकों को पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। राज्यपाल ने कहा, ‘जहां तक अलग-अलग विचारों की बात है, तो उसका स्वागत है। हमें किसी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्वागत है... विरोध प्रदर्शन का स्वागत है....हिंसा.. नहीं... बिल्कुल नहीं....’ उनसे जब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के, नागरिकता संशोधन कानून को राज्य में लागू नहीं करने के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो इस नये कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें स्थिति को शांत होने देना चाहिए। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि निर्वाचित सरकारें अपने संवैधानिक दायित्व पूरे करेंगी।
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