न फायरिंग हुई, न किसी की जान गई, 30 पुलिसकर्मी घायल: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। दिल्ली पुलिस ने इस दौरान पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि जामिया हिंसा में पुलिस की तरफ से फायरिंग नहीं की गई है, ना ही किसी की जान गई है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम। एस। रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की थी इसलिए एक्शन हुआ था। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्लीवासियों से शांति बनाने की अपील की और कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि शनिवार को जामिया के छात्र और स्थानीय लोग इकट्ठा हुए थे। भीड़ सरायजुलैना से आगे बढ़ रही थी। इस दौरान कुछ लोग माता मंदिर मार्ग पर पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। बस को आग लगा दी गई थी। हम उन्हें वापस खदेड़ने लगे थे, इस दौरान होली फैमिली के पास पथराव हुआ। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा कि कैंपस के पास पथराव हुआ। इसके बाद भीड़ को जामिया में पुश किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने 4 डीटीसी बस को आग लगा दी गई। 100 से अधिक प्राइवेट वाहनों को निशाना बनाया गया, जिसमें चार दो पहिया वाहन शामिल हैं। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक पुलिसकर्मी आईसीयू में है। दो SHO को फ्रैक्चर हुआ। कुछ स्टूडेंट को हिरासत में लिया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसी भी तरह की अफवाह में ना आएं और कुछ भी पुलिस से कन्फर्म कर लें। उन्होंने कहा कि एक्शन उन्हीं के खिलाफ लिया जाएगा, जो इसमें शामिल हैं। हमने एक्शन में कम से कम पुलिस का इस्तेमाल किया है। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि जब हमने प्रदर्शनकारियों को धकेलना शुरू किया, तो दोनों तरफ से पथराव हुआ। तभी कुछ पुलिसवाले उनका पीछा करते हुए कैंपस में भी गए थे, हालांकि अभी इस मामले की जांच हो रही है।
रीजनल नार्थ
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