आम्रपाली समूह के श्रेणी-ए के काम में लाए तेजी : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की संपत्तियों को बेचकर या नीलामी कर रकम इकट्ठा करने के लिए मेटल स्क्रैप ट्रेड कार्पोरेशन (एमएसटीसी) द्वारा अपनाए जा रहे तरीके पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने श्रेणी-ए के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने एमएसटीसी के प्रयासों पर नाराजगी जताई। साथ ही पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि सुनवाई के दौरान एमएसटीसी की ओर से कोई वकील मौजूद नहीं है। लिहाजा, पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को अगली सुनवाई पर एमएसटीसी द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। पीठ ने एनबीसीसी से कहा कि वह चाहती है कि श्रेणी-ए प्रोजेक्ट्स जल्द पूरे हों जिससे खरीदारों में विश्वास बढे़। साथ ही एक-एक कर सभी प्रोजेक्ट्स को भी तेजी से पूरा किया जाए। पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि 25000 करोड़ के फंड में से कितना फंड आम्रपाली की परियोजनाओं के लिए मिल सकता है। पीठ ने सरकार को इसका ब्योरा देने के लिए कहा है। वहीं सुरेखा परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने करीब 167 करोड़ रुपये की संपत्तियों का ब्योरा दिया। इस पर खरीदारों की ओर से पेश वकील एमएल लाहोटी ने पीठ को बताया कि सुरेखा परिवार पर करीब 694 करोड़ रुपये का बकाया है। पीठ ने सुरेखा परिवार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।
नेशन लीगल
आम्रपाली समूह के श्रेणी-ए के काम में लाए तेजी : सुप्रीम कोर्ट