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जल्द ही कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स के द्वारा स्मार्टफोन पर होगा भुगतान

जल्द ही कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स के द्वारा स्मार्टफोन पर होगा भुगतान

जल्द ही कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स के द्वारा स्मार्टफोन पर होगा भुगतान 
 आने वाले दिनों में पास-पड़ोस के किराना दुकानदार जल्द पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) डिवाइस के बजाय कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स के द्वारा अपने स्मार्टफोन पर छोटी खरीदारी की भुगतान कर सकते है। ग्लोबल पेमेंट फर्म वीजा जल्द पीओएस ऑपरेटर्स और फाइनैंशल टेक्नॉलाजी कंपनियों को मर्चेंट के स्मार्टफोन को एनएफसी (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) और आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नॉलाजी से अपग्रेड करने की सुविधा देने वाली है, जिससे कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स के जरिए डिजिटल ट्रांजैक्शंस हो सकेगा। इस 'टैप ऑन फोन' टेक्नॉलाजी से मर्चेंट्स को स्वाइप मशीन का इस्तेमाल किए बिना कॉन्टैक्टलेस कार्ड के जरिए सीधे अपने स्मार्टफोन पर पेमेंट प्रोसेस करने में मदद मिलेगी। इससे छोटी रकम के रिटेल ट्रांजैक्शंस की प्रोसेसिंग हाथों हाथ करने में आने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप और इन इंटरमीडियरी डिवाइस हैंडलिंग की कॉस्ट घटेगी। वीजा के ग्रुप कंट्री मैनेजर टीआर रामचंद्रन ने कहा,हम बड़े प्लेयर्स और छोटी फिनटेक कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। पायलट्स प्रोजेक्ट कामयाब रहे हैं। अगले साल जनवरी या फरवरी से यह ट्रेंड दिखने लगेगा।'
अमेरिकी पेमेंट नेटवर्क ऑपरेटर ने कहा कि वह कारोबारियों के पास इन डिवाइसेज को लगाने वाली फिनटेक कंपनियों और बैंकों के लिए सिक्योरिटी स्टैंडर्ड के वास्ते सर्टिफिकेशन जारी करने की प्रक्रिया में है। रामचंद्रन ने कहा, देश में लगभग छह से आठ करोड़ एमएसएमई होने का अनुमान है, लेकिन यहां 50लाख से भी कम पीएसओ मशीनें चल रही हैं। इन मर्चेंट डिस्काउंट डिवाइसेज लागू कराने में हम 150 से 200 की पूंजी की जरूरत को आड़े आने नहीं देने वाले है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में लगभग 83.5 करोड़ डेबिट कार्ड्स और 5.25 क्रेडिट कार्ड्स एक्टिव हैं,जबकि यहां पीओएस डिवाइसेज की संख्या सितंबर 2019 में 46 लाख थी। कॉन्टैक्टलेस कार्ड में सिक्यो रेडियो इंटरफेस के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा करने के लिए चिप बेस्ड टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल होता है। ट्रडिशनल स्वाइप ट्रांजैक्शन से उलट इनमें रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार 2000 रुपये से कम के ट्रांजैक्शन के लिए सिक्योर पिन या वन टाइम पासवर्ड जैसे टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रोसेस की जरूरत नहीं होती है।

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