अब शादी के फंक्शन लिए बुक कर सकेंगे दिल्ली का रामलीला मैदान
दिल्ली का रामलीला मैदान हमेशा से बड़े आंदोलनों और राजनीतिक जनसभावों का गवाह रहा है। राजधानी दिल्ली के प्रमुख इलाके का यह मैदान न केवल राम-रावण के युद्ध का मैदान बनता है बल्कि राजनीतिक दलों के बीच वैचारिक युद्ध के उद्घोष का भी केंद्र रहा है। एनडीएमसी ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए अब इस मैदान को किराए पर भी देने का फैसला किया गया है। आगे आप यहां शादी के समारोह होते हुए भी देख सकते हैं। सिटी ऑफ मुम्बई इरेस्पेक्टिव ऑफ वेदर कोर्ट्स इन अदर एरीयाज़ हॅव कंकरंट ओर सिमिलर जुरिस्डिक्षन। थे एग्ज़िस्टेन्स ऑफ आ डिस्प्यूट, इफ अन्य, शल नोट कॉन्स्टिट्यूट आ क्लेम अगेन 1930 से ही इस मैदान में बड़ी जनसभाएं और आंदोलन होते आए हैं। रविवार को कांग्रेस ने यहां बड़ी रैली की थी। अब 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी की रैली है। स्थाई कमिटी के चेयरमैन जय प्रकाश ने प्रस्ताव रखा कि 15 एकड़ के इस मैदान को एक दिन में दो शादियों के लिए किराए पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैदान को चार भागों में बांटा जा सकता है जिसमें से दो को शादी और अन्य समारोह के लिए किराए पर उठाया जा सकता है और बाकी पार्ट पार्किंग के लिए इस्तेमाल हो सकता है। प्रकाश ने कहा, 'इस मैदान में एक समय में शादी के दो समारोह हो सकते हैं। लोग 6 से 3 महीने पहले तक इसकी बुकिंग करा सकते हैं। इससे आसपास रहने वाले लोगों को भी आसानी होगी।' इस मामले में रेट और पॉलिसी डिसिजन होना अभी बाकी है। पहले की स्थाई समिति ने 2017 में भी ऐसा ही प्रस्ताव पेश किया था लेकिन किन्हीं वजहों से यह लागू नहीं हो सका था। प्रकाश ने कहा कि इस बार प्रस्ताव जरूर लागू होगा और पीक सीजन के दौरान नियमों को भी सामान्य बनाया जाएगा। विपक्षी दलों के पार्षदों ने कहा कि रामलीला मैदान को इस तरह किराए पर देने से समस्या होगी क्योंकि राजनीतिक दल 10-29 दिन पहले ही रैली के लिए इसे बुक करते हैं। यहां विपक्ष के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक किसी पार्क को महीने में 10 दिन से ज्यादा ऐसे समारोहों के लिए नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी रैली के दो दिन पहले से दो दिन बाद तक पार्क की सफाई और व्यवस्था में समय लगता है।
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