हारने वाले मुख्यमंत्री में रघुबर भी शामिल हुए
झारखंड में अब तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उसमें तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को अपनी सीट गंवानी पड़ी। यही वजह है कि 19 साल में यह राज्य अब तक छह मुख्यमंत्री देख चुका है। जमशेदपुर पूर्वी सीट से बीजेपी के बागी नेता सरयू राय ने भी मुख्यमंत्री रघुबर दास को शिकस्त देकर यह परंपरा आगे बढ़ा दी है। जमशेदपुर पूर्वी सीट पर रघुबर दास को 58112 वोट मिले हैं, वहीं सरयू राय ने 73945 मतों के साथ चुनावी मुकाबला अपने नाम किया है। यहां पर रघुबर दास को 15,833 वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा है। वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2000 में झारखंड बना था। तब बीजेपी ने राज्य की पहली सरकार बनाई थी और बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन अगले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद मुख्यमंत्री बने अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन भी बाद में अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हुए। हालांकि हेमंत सोरेन 2014 के विधानसभा चुनाव में दुमका में हार के बावजूद बरहेट सीट बचा ले गए थे, लेकिन सीएम पद पर उनकी वापसी नहीं हुई थी।
2014 में मरांडी, मधु कोड़ा और अर्जुन मुंडा हारे
2014 विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी धनवार और गिरिडीह दो सीटों से चुनाव लड़े लेकिन दोनों जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसी चुनाव में पूर्व सीएम मधु कोड़ा भी चाइबासा की मझगांव सीट से जेवीएम प्रत्याशी से हार गए। झारखंड के तीन बार सीएम रह चुके बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा भी 2014 में जेवीएम प्रत्याशी से खरसावां सीट पर हार गए थे।
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हारने वाले मुख्यमंत्री में रघुबर भी शामिल हुए