शरद ऋतु में पैदा हुए लोगों को कम होते हार्ट डिजीज
एक शोध में सामने आया है कि जो लोग वसंत और गर्मी के मौसम में पैदा हुए हों उनमें हार्ट डिजीज होने की संभावना उन लोगों से कहीं अधिक होती है, जिनका जन्म शरद ऋतु में हुआ हो। शोधकर्ताओं का कहना है कि मृत्यु के इन आंकड़ों की वजह डायट में उतार-चढ़ाव, एयर पलूशन लेवल होते हैं। साथ ही जन्म से पहले और जीवन के शुरुआती समय में आपको कितना सन एक्सपोजर मिला है, यह बात भी खास मायने रखती है। नॉदर्न हेमिसफेयर (उत्तरी गोलार्ध) में पूर्व में हुई स्टडीज के आधार यह बात कही जा रही है कि वसंत और गर्मियों के मौसम में जो लोग पैदा होते हैं, उमें कार्डियोवस्कुलर डिजीज के कारण मत्यु का जोखिम अधिक होता है। लेकिन इस सबसे साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी साफ कर दिया है कि इन सभी कारणों के साथ फैमिली हिस्ट्री, मेडिकल कंडीशन और लाइफस्टाइल को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस शोध में शामिल किए गए लोगों की उम्र 30 से 55 वर्ष के बीच रही और स्टडी के दौरान पंजीकृत 43 हजार मौतों के डेटा को शोध में शामिल किया गया। इनमें से 8 हजार 360 लोगों की मौत कार्डियवस्कुलर डिजीज के कारण हुई थी। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर फैमिली हिस्ट्री और सामाजिक आर्थिक कारणों को हटा दिया जाए तो वसंत और गर्मियों में जन्म लेने वाली महिलाओं की शरद ऋतु में जन्म लेने वाली महिलाओं की तुलना में हृदय की मृत्यु में मामूली लेकिन महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
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शरद ऋतु में पैदा हुए लोगों को कम होते हार्ट डिजीज