चालू वित्त वर्ष 2018-19 अक्टूबर-सितंबर में गन्ना किसानों का बकाया 20,000 करोड़ रुपए के ऊपर पहुंच गया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की ओर से मंजूर किया गया रियायती कर्ज मौजूदा कर्ज से अलग होगा। इसके चलते गन्ना किसानों के बकाये में 8,000 से 9,000 करोड़ रुपए की कमी करने में मदद मिलेगी। 7-10 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलों के ब्याज बोझ के खर्च को 800-900 करोड़ रुपए तक कम करने में मदद करेगी। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग के गन्ना उत्पादकों का बढ़ता बकाया चुकाने के लिए 10,540 करोड़ रुपए तक के सस्ते ऋण की घोषणा की। इस कदम से ब्याज सब्सिडी के रूप में सरकारी खजाने पर 1,054 करोड़ रुपए तक का बोझ पड़ेगा। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीसीईए के इस फैसले से चीनी उद्योग को अपने गन्ने के बकाया की अदायगी करने में मदद के लिए चीनी उद्योग को लगभग 7,900-10,540 करोड़ रुपए के सस्ते ऋण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।