डॉगी, कैट जैसे पेट्स पालने वाले रहे सतर्क, हो रहा गंभीर इंफेक्शन, एंटीबायॉटिक्स भी बेअसर
कुत्ता (डॉगी), बल्ली (कैट) या दूसरे पालतू जानवर को पालने वाले अब सावधान हो जाए। कई अध्ययन में यह बात साबित हो चुकी है कि घर में किसी पेट को पालना आपके तनाव को कम करने का काम करता है। जब आप तनाव में हो तो मात्र 10 मिनट के लिए अपने पेट के साथ खेलें या वक्त बिताएं, आपका तनाव काफी हद तक कम हो जाएगा। हाल ही सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की तरफ से जारी किए गए एक इंवेस्टिगेशन में यह बात कही गई है कि घर में पेट पालना आपको ऐसे इंफेक्शन्स का शिकार बना सकता है, जिन पर ऐंटीबायॉटिक्स भी बेअसर साबित होती हैं। सीडीसी के अनुसार, ऐसे 30 लोगों की पहचान की गई है जो खास तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन से पीड़ित हैं और इन पर ज्यादातर एंटीबायॉटिक्स बेअसर साबित हो रही हैं। इन लोगों की जांच में सामने आया है कि ये सभी किसी ना किसी तरह से पालतू जानवरों के टच में थे, खासतौर पर उन पेट्स को जिन्हें पेट स्टोर से लाया गया हो।
ये सभी 30 लोग 13 अलग-अलग स्टेट्स के रहनेवाले हैं और इनमें से 4 की हालत ऐसी थी कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि अच्छी खबर यह है कि किसी की जान नहीं गई है। इस रेयर इंफेक्श या स्ट्रेन को कैम्पाइलोबैक्टर जेजुनी कहा जाता है। कुछ दूसरे रेयर कैंपिलोबैक्टर के विपरीत, जो आमतौर पर कच्चे या अधपके मुर्गे का मीट खाने से होते हैं या ऐसे ही दूसरे खाद्य पदार्थों की वजह से होते हैं। इन पर ऐंटीबायॉटिक्स बेअसर साबित होती हैं या अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं करती हैं। इस साल नवंबर में दो अलग-अलग रिपोर्ट्स में सीडीसी की तरफ से यह बात कही गई कि ऐंटीबायॉटिक रेसिस्टेंड इंफेक्शन्स के कारण मरनेवाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इन इंफेक्शन्स की वजह सुपरबग्स को माना जाता रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई पपी या डॉग कैम्पाइलोबैक्टर इंफेक्शन का शिकार है तो यह बैक्टीरिया उनके फर के साथ घर की हवा में अपनी जगह बना लेता है। इससे यह मुंह और सांस के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
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डॉगी, कैट जैसे पेट्स पालने वाले रहे सतर्क, हो रहा गंभीर इंफेक्शन, एंटीबायॉटिक्स भी बेअसर