साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, बादलों में दिखी हल्की झलक
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार को देखा गया। सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहे। पूरे देश के साथ ही झारखंड में भी अलग-अलग जगहों पर सूर्य ग्रहण का देखा गया। खंडग्रास के रूप में यह ग्रहण नजर आया। इस बार लगने वाला सूर्यग्रहण कंकण सूर्यग्रहण या वलयाकार सूर्यग्रहण था, जो लगभग तीन घंटे तक रहा। सुबह 8ः20 बजे से शुरू हुए इस ग्रहण का प्रभाव कम से कम 11ः23 बजे तक देखा गया। हालांकि बुधवार की रात से ही मौसम खराब होने की वजह से राजधानी रांची में कुछ ही जगहों पर लोग इसे देख पाये, हालांकि बादलों में हल्की झलक नजर आयी। जमशेदपुर, हजारीबाग और अन्य जिलों में लोगों ने इसे देखा।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूर्यग्रहण का प्रभाव समान्य से अधिक होगा क्योंकि ग्रहणकाल के समय धनु राषि में एक साथ छह ग्रहों सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध, बृहस्पति और केतू का योग बना और यह सूर्यग्रहण वलयाकार रहा। सूर्यग्रहण शुरू होने के बारह घंटे पूर्व से ही सूतक लगने के कारण मंदिरों में पूजा-अर्चना नहीं की गयी। यह भारत के दक्षिणी भागों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। वहीं अन्य हिस्सों में भी लोग ग्रहण को आंशिक रूप से देख सके। खगोल शास्त्रियों के सलाह के अनुसार लोगों ने ग्रहण खुली आंखों से न देखकर विशेष चश्मे का इस्तेमाल किया।
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