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भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बताया झूठों का सरदार  पहले भी राफेल में बोला झूठ, फिर माफी मांग ली 

भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बताया झूठों का सरदार  पहले भी राफेल में बोला झूठ, फिर माफी मांग ली 

भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बताया झूठों का सरदार 
पहले भी राफेल में बोला झूठ, फिर माफी मांग ली 

कांग्रेस और भाजपा हिरासत केंद्र' (डिटेंशन सेंटर) को लेकर आमने-सामने आ चुके हैं। पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में हिरासत केंद्र नहीं होने से जुड़े कथित बयान को लेकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस के प्रधानमंत्री' भारत माता से झूठ बोलते हैं।इसके बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी को झूठों का सरदार कह दिया। 
संबित पात्रा ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा, राहुल गांधी ने कहा है कि आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत से झूठ बोलता है। राहुल गांधी से अच्छी भाषा की अपेक्षा करना ये बहुत ज़्यादा अपेक्षा करना है। ये कहना अतिशोक्ति नहीं होगी की हम राहुल गांधी को 'झूठों का सरदार' कहें। जैसे राहुल गांधी ने राफेल के मामले में किस प्रकार से क्षमा मांगी थी क्योंकि उन्होंने झूठ बोला था। दिसंबर 2011 की प्रेस रिलीज में खुद राहुल गांधी की सरकार ने माना है कि उन्होंने असम में तीन डिटेंशन सेंटर बनाकर उसमें 362 लोग इन सेंटर में रखा गया था। क्या आज आप देश से फिर माफी मागेंगे? किसी भी विषय पर राहुल गांधी जी का कोई ज्ञान नहीं है और हर विषय पर टांग अड़ाना है। इनका मकसद न सीएए का है और न ही एनपीआर का है।'
दरअसल, असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए गांधी ने ट्वीट किया, 'आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलते है। इसके बाद भाजपा के आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की एक प्रेस रिलीज के स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया। जिसका शीर्षक था कि 362 अवैध प्रवासियों को असम के डिटेंशन सेंटर भेजा गया है।
इसके बाद मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा, राहुल गांधी 2011 की इस प्रेस रिलीज को देखा जिस उस समय की कांग्रेस सरकार ने जारी किया था। इसमें दावा किया गया है कि 362 अवैध प्रवासियों को असम के डिटेंशन सेंटर भेजा गया है। चूंकि भारत ने आपको लगातार खारिज किया है तो क्या आप देश को नफरत और दहशत की राजनीति के जरिए तोड़ना चाहते हैं?'

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