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2020 में 'मिशन आदित्य' व 'गगनयान' की टेस्ट फ्लाइट समेत 10 सैटेलाइट मिशन लांच करेगा इसरो

2020 में 'मिशन आदित्य' व 'गगनयान' की टेस्ट फ्लाइट समेत 10 सैटेलाइट मिशन लांच करेगा इसरो

2020 में 'मिशन आदित्य' व 'गगनयान' की टेस्ट फ्लाइट समेत 10 सैटेलाइट मिशन लांच करेगा इसरो
 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए सन 2019 बड़ी सफलताएं लेकर आया है। सन 2020 इसरो की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इसरो ने अगले साल के लिए कई बड़े लक्ष्य तय किए हैं। इसरो अपने अंतर्राष्ट्रीय मिशन आदित्य और गगनयान की टेस्ट फ्लाइट के अलावा 2020 में दस सैटलाइट मिशन लॉन्च करेगा। 
इसरो ने मिशन गगनयान के लिए टेस्ट फ्लाइट का फिलहाल नाम तय नहीं किया है। इसरो चेयरमैन के. सिवन ने बताया कि सन 2020 में 10 सैटलाइट मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें अडवांस्ड कम्युनिकेशन सैटलाइट जीसैट1 और जीसैट12आर और पृथ्वी का निरीक्षण करनेवाले रीसैट 2बीआर2 और सर्विलांस के लिए माइक्रोसैट शामिल हैं। इसके साथ ही आदित्य एल1 मिशन को मध्य 2020 तक लॉन्च करने की योजना है और मिशन गगनयान के लिए पहले टेस्ट फ्लाइट को दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा।
इसरो प्रमुख सिवन ने बताया कि रीयूजेबल लॉन्च वीइकल (आरएलवी) का टेस्ट फ्लाइट लॉन्च और नए विकसित छोटे सैटलाइट (एसएसएलवी और मिनी-पीएसएलवी) को अगले साल की शुरुआत में लॉन्च करने की योजना है। 
इसरो प्रमुख सिवन ने बताया कि आरएलवी तकनीक का प्रयोग किफायत के लिहाज से महत्वपूर्ण है। आरएलवी तकनीक के जरिए स्पेस एजेंसी फर्स्ट और सेकेंड स्टेड पर रॉकेट को रीयूज कर सकती है। कॉस्ट कटिंग के लिहाज से यह महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भारी पेलोड्स को वहन करने में भी सक्षम है।
2020 में इसरो की नजर सूर्य तक है और आदित्य एल-1 मिशन देश का पहला सोलर मिशन होगा। इसरो प्रमुख ने इस बात की पुष्टि की। इसरो प्रमुख ने कहा एक पीएसएलवी का प्रयोग स्पेसक्राफ्ट का भार वहन करने के लिए होगा और इस पर काम अभी जारी है। उन्होंने बताया कि 400 किग्रा. के क्लास सैटलाइट में छह वैज्ञानिक पेलोड्स भी होंगे। इन 6 पेलोड्स का काम होगा ऑर्बिट के दायरे में आने वाले प्रभावी क्षेत्र के शुरुआती पॉइंट 1 (एल-1) तक पहुंचना। यह आर्बिट पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी. की दूरी पर है। इन पेलोड्स से यह फायदा होगा कि बिना किसी बाधा के सूर्य को लगातार देखा जा सकेगा। 
आदित्य एल-1 मिशन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अभी तक सूर्य के करीब कोई नहीं पहुंच पाया है। बता दें कि सन 2019 में इसरो का मिशन चंद्रयान-2 काफी चर्चा में रहा, हालांकि यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया, लेकिन पूरी दुनिया ने भारतीय वैज्ञानिकों के हौसले को सलाम किया है।

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