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हरियाणा के स्कूलों से पंजाबी को दूसरी भाषा के रूप में हटाने का विरोध 

हरियाणा के स्कूलों से पंजाबी को दूसरी भाषा के रूप में हटाने का विरोध 

हरियाणा के स्कूलों से पंजाबी को दूसरी भाषा के रूप में हटाने का विरोध 
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हरियाणा के स्कूलों में पंजाबी को दूसरी भाषा के रूप में हटाए जाने की निंदा की है। इस कमेटी ने इस फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है। कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि स्कूलों में पंजाबी की जगह तेलगू को लागू किए जाने के फैसले से राज्य की 40 फीसदी पंजाबी आबादी को झटका लगा है। हरियाणा तो पंजाब से ही अलग हुआ राज्य है और राज्य की आधी से ज्यादा आबादी की मुख्य भाषा पंजाबी है। 
जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके का कहना है कि पंजाबी भाषा को हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पंजाब प्रांत का हिस्सा रहे हरियाणा में पंजाबी भाषा को खत्म करने की साजिश की जा रही है। इससे पहले कमेटी की ओर से दंगा पीड़ितों को नौकरी दिलाने के लिए सहायता का वादा भी किया गया था। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिख दंगे के पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए कानूनी सहायता प्रदान करेगी। कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि अदालत के आदेश के बावजूद 63 लोगों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है। उन्हें नौकरी दिलाने के लिए एक बैठक होगी। इस बैठक में शामिल होने के लिए पीड़ित परिवारों को बुलाया था। सिरसा ने कहा था कि विधानसभा में यह मामला उठाया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवारों को नौकरियां देना जरूरी नहीं समझा।

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