प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की आधारशिला रखी। इस दौरान आमजन को संबोधित करते हुए पीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि भोले बाबा की पहले किसी ने कोई चिंता नहीं की। वह वर्षों से दीवारों में जकड़े हुए थे। उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी भी बाबा की इस हालत पर चिंतित थे। 2014 के चुनाव के दौरान मैंने कहा था कि मैं यहां आया नहीं हूं, मुझे यहां बुलाया गया है। शायद मुझे ऐसे ही कामों के लिए बुलाया गया था।' उन्होंने कहा कि शायद भोले बाबा ने तय किया था कि यह काम मुझे करना है।
उन्होंने इससे पहले मंदिर में विशेष अनुष्ठान और दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद थे। यूपी के तीन शहरों के दौरे पर आए पीएम ने सबसे पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। करीब 40 हजार वर्गमीटर इलाके में बन रहे इस कॉरिडोर पर 600 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। पीएम ने भूमि पूजन करते हुए ऊं नमः शिवाय लिखी हुई शिलाओं का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी को मंदिर में प्रसाद स्वरूप बनारसी सिल्क का केसरिया दुपट्टा और रुद्राक्ष की माला भेंट की गई। पीएम ने देश की तरक्की और विश्व कल्याण की कामना के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की।
एसपी की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि यूपी की पिछली सरकार के समय असहयोग का माहौल था, नहीं तो यह काम पहले ही शुरू हो जाता। उन्होंने कहा कि अगर तीन साल पहले मुझे यूपी की तत्कालीन सरकार का साथ मिला होता तो आज मैं इसका उद्घाटन कर रहा होता। उन्होंने कहा कि यूपी में योगी सरकार बनने के बाद कॉरिडोर बनाने की दिशा में प्रगति हुई। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह राजनीति में नहीं थे, तब भी यहां आते थे तो लगता था कि यहां कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'शायद भोले बाबा ने तय किया हुआ होगा कि बेटा आओ करके दिखाओ। बाबा दीवारों में जकड़े हुए थे। अब पहली बार अगल-बगल की कई इमारतों को मिलाया गया।' पीएम ने कहा कि भोले बाबा को तो मुक्ति मिलेगी ही उनके भक्तों को भी असीम आनंद की अनुभूति होगी।
यहां जो टीम लगाई गई है वह भक्ति भाव से इस काम में लगी है। इस प्रोजेक्ट को राजनीति का रंग न ल जाए, अफसरों ने इससे बचते हुए काम किया है। परिसर में जो लोग किराए पर रहते थे, घर था, उनसे आग्रह किया था तो करीब 300 प्रॉपर्टीज को लेकर काफी सहयोग किया गया। परिसर में रहने वाले लोगों ने अपनी जमीन को बाबा के चरणों में समर्पित कर दिया और इसलिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने इस काम को अपना काम मानकर सहयोग किया और यह सपना पूरा हुआ। सदियों से यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा, लेकिन यहां की आस्था ने उसे हमेशा पुनर्चेतना दी। बापू ने भी बीएचयू में बाबा के इस स्थल को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। इसे अब 100 साल होने वाले है। अहिल्या देवी ने करीब 250 साल पहले इस स्थान का पुनरोद्धार किया था। सोमनाथ मंदिर के लिए भी उन्होंने काफी काम किया था। पीएम ने कहा कि इतने वर्षों तक सभी ने अपनी-अपनी चिंता की। इतनी बिल्डिंगों को तोड़ने के काम शुरू हुआ तो पता चला कि करीब 40 मंदिरों को लोगों ने कब्जा कर लिया था। लोगों को अब अजूबा लगेगा कि कैसे यह काम सरकार ने किया। दशकों के बाद यहां ऐसी भव्य और खुले परिसर में शिवरात्रि मनी होगी।
पीएम ने बीएचयू से भी आग्रह करता हूं कि इस पूरे प्रोजेक्ट को केस स्टडी के तौर पर काम करना चाहिए। एक तरफ काम होता रहे दूसरी तरफ परिसर के निर्माण को लेकर केस स्टडी चलती रहे जिससे हम दुनिया को बता सकें कि शास्त्र के तहत बंधन का पालन करते हुए यह किया गया है। इसके बाद वह दीनदयाल हस्तकला संकुल में राष्ट्रीय महिला रोजगार सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और 5 महिला स्वयं-सेवा समूहों को प्रशस्ति पत्र देंगे। इन समूहों के सदस्य पीएम के साथ अपने अनुभव भी बांटेंगे।
नेशन
प्रधानमंत्री मोदी ने 600 करोड़ के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का किया शिलान्यास -पीएम बोले- शायद भोले बाबा ने तय किया था कि यह काम मुझे करना है