मप्र सरकार फिर लेगी एक हजार करोड रुपए का कर्ज
-मप्र पर एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए का है कर्ज
प्रदेश में सत्तारुढ कांग्रेस सरकार विकास कार्यों के लिए एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। आर्थिक तंगी के चलते इस बार प्रदेश सरकार बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से दस साल के लिए कर्ज लिया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल मध्य प्रदेश में विकास कार्यों के साथ अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में किया जाएगा। सूत्रों की माने तो पहले से ही मध्यप्रदेश के ऊपर एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।प्रदेश सरकार अभी तक जरूरी कामों के लिए बाजार से करीब 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते मध्य प्रदेश को राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के 3.5 प्रतिशत तक कर्ज लेने का अधिकार है। इस हिसाब से मध्य प्रदेश राज्य 28 हजार करोड़ रुपए तक का कर्ज ले सकता है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अभी तक साढ़े 17 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। तीन माह अभी बाकी हैं। यदि जरूरत पड़ी तो और कर्ज भी लिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि अगले तीन महीनों में भी सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए कर्ज लेगी। यहां बता दें कि प्रदेश सरकार विधानसभा सत्र के दौरान एवं अन्य अवसरों पर भी प्रदेश का सरकारी खजाना खाली मिलने की बात कह चुकी है। वहीं प्रदेश की सरकारी योजनाओं के सुचारु संचालन एवं विकास कार्यों के लिए धन की कमी भी बताई जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार के पास विकास कार्यों को गति देने के लिए कर्ज लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।
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