इसरो बताएगा कहां रास्ते में फंसी है ट्रेन
सर्दियों में कोहरे के कारण घंटों ट्रेन में फंसे रहने वाले यात्रियों की आगामी वित्तीय वर्ष में परेशानियां कुछ कम होने की संभावना है। इसरो की सेटेलाइट की मदद से रियल टाइम इनफॉर्मेशन सिस्टम से यात्री ट्रेन की सटीक स्थिति और रफ्तार मोबाइल पर देख सकेंगे। कोहरे के कारण रोजाना सैकड़ों ट्रेनें रद हो रही हैं। इसमें दिल्ली-मुंबई व दिल्ली-कोलकाता रेलमार्ग की ट्रेनें अधिक प्रभावित हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव का कहना है कि दिल्ली-मुंबई-दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा (सेमी हाई स्पीड) की रफ्तार पर ट्रेनें चलाने में अभी पांच साल का समय लगेगा। रफ्तार बढ़ाने से ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी, जिससे ट्रेन ऑन डिमांड चलाई जा सकेंगी और दोनों रेलमार्गों पर वेटिंग लिस्ट समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसरो की सेटेलाइट से रियल टाइम इनफॉमेशन सिस्टम (आरटीआईएस) तकनीक से प्रत्येक 30 सेकेंड में देशभर की ट्रेनों की स्थिति का पता लगेगा।
साइंस & टेक्नोलॉजी
इसरो बताएगा कहां रास्ते में फंसी है ट्रेन