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विदेश से 1.5 अरब डॉलर फंड जुटाएगी अडानी इलेक्ट्रिसिटी

विदेश से 1.5 अरब डॉलर फंड जुटाएगी अडानी इलेक्ट्रिसिटी

 विदेश से 1.5 अरब डॉलर फंड जुटाएगी अडानी इलेक्ट्रिसिटी 
 अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड विदेश से 1.5 अरब डॉलर तक जुटाएगी। सूत्रों के अनुसार अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की यह सब्सिडियरी बॉन्ड के जरिए लगभग एक अरब डॉलर और सिंडिकेटेड लोन से 40-50 करोड़ डॉलर जुटा सकती है। इस फंड का इस्तेमाल क्षमता बढ़ाने और लोन की रिफाइनेंसिंग के लिए किया जाएगा। अडानी इलेक्ट्रिसिटी ने दो वर्ष पहले अनिल अंबानी की मुंबई में पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को खरीदने के लिए काफी कर्ज लिया था। अडानी इलेक्ट्रिसिटी विदेश में कम इंटरेस्ट रेट पर उपलब्ध लोन से अपनी कॉस्ट घटाना चाहती है। 
सूत्रों के अनुसार अडानी इलेक्ट्रिसिटी अमेरिका सहित कई देशों में बॉन्ड ऑफर करेगी। बॉन्ड की मैच्योरिटी 7 या 10 वर्ष की हो सकती है। कंपनी ने प्रपोज्ड बॉन्ड इश्यू के लिए रेटिंग लेने की प्रक्रिया शुरू की है। इसे इनवेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग मिल सकती है। एक सूत्र ने बताया कि कंपनी ने आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा से पांच से सात वर्ष के लोन लिए हैं। बॉन्ड से मिलने वाले फंड से इन लोन का निर्धारित अवधि से पहले भुगतान किया जाएगा। कंपनी सिंडिकेटेड ऑफशोर लोन के जरिए 50 करोड़ डॉलर तक जुटाने के लिए भी विदेशी बैंकों के साथ बातचीत कर रही है। इस फंड का इस्तेमाल अगले वर्ष कैपेसिटी बढ़ाने के लिए होगा।
अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन, ट्रांसमिशन और मुंबई में डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस को दिसंबर 2017 में 18,800 करोड़ रुपए में खरीदने के बाद अडानी इलेक्ट्रिसिटी बनाई गई थी। इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क 400 स्क्वेयर किलोमीटर से अधिक में फैला है और 29 लाख से अधिक कंज्यूमर्स को इलेक्ट्रिसिटी उपलब्ध कराता है। 
अडानी इलेक्ट्रिसिटी को फंड जुटाने में बारक्लेज, सिटी, डोएचे, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक मदद कर रहे हैं। अडानी ट्रांसमिशन पर सितंबर के अंत तक कुल 17,909 करोड़ रुपए का कर्ज था। इस वर्ष भारतीय कंपनियों ने विदेश से रिकॉर्ड 30.25 अरब डॉलर का उधार लिया है। कर्ज के बोझ से दबे क्षेत्रों को बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में परेशानी हो रही है। इस वजह से इन क्षेत्रों की कंपनियां विदेश से फंड जुटाने की कोशिश कर रही हैं। 

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