विषाणुओं का शीघ्र पता लगाने वैज्ञानिकों ने विकसित किया खास उपकरण
वैज्ञानिकों ने हाथ से संचालित होने वाला एक अनोखा यंत्र विकसित किया है, जो विषाणुओं का शीघ्र पता लगाकर उनकी पहचान कर सकता है। अध्ययन के अनुसार, वायरोलॉजिस्ट (विषाणु विज्ञानी) का अनुमान है कि जानवरों में 16.7 लाख अज्ञात विषाणु होते हैं इनमें से कई के संक्रमण में मनुष्य भी आ सकते हैं। एच5एन1, जीका और इबोला जैसे विषाणुओं की वजह से बड़े पैमाने पर बीमारियां फैलीं और काफी मौतें हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि जल्दी पता लगाया जाए तो इससे निपटने के उपाय तेजी से कर विषाणुओं को फैलने से रोका जा सकता है। शोधकर्ता ने बताया कि हमने एक तेज और सस्ता उपकरण विकसित किया है जो आकार के आधार पर विषाणुओं का पता लगा सकता है। शोधकर्ता ने कहा, हमारा उपकरण नैनोट्यूब के सारणी का उपयोग करता है, जिसे विषाणुओं की एक विस्तृत रेंज के अनुसार डिजाइन किया गया है। फिर हम रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग उसके निजी कंपन के आधार पर विषाणु की पहचान करने के लिए करते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस उपकरण को ‘वाइरियन’ कहा जाता है और इसके संभावित उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है।
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विषाणुओं का शीघ्र पता लगाने वैज्ञानिकों ने विकसित किया खास उपकरण