लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ दिल्ली एम्स
देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान दिल्ली एम्स को साल 2019 के आखिरी दिन एक और विश्व स्तरीय उपलब्धि मिली है। एम्स के न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. दीपक गुप्ता को ई-मेल के जरिए ये जानकारी प्राप्त हुई है। ओडिशा निवासी सिर से जुड़े दो भाई जग्गा और बलिया का सफल इलाज करने पर एम्स का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के वर्ष 2020 संस्करण में दर्ज हुआ है। पहली क्रानियोपैगस सर्जरी करने पर दिल्ली एम्स को इस खिताब से नवाजा जा रहा है। इस ऑपरेशन में 125 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल था। 28 अगस्त 2017 और 25 अक्तूबर 2017 को दो बार ऑपरेशन और इसके बाद डेढ़ साल तक निगरानी में रखने के बाद कुछ माह पहले दोनों भाइयों को ट्रेन से ओडिशा भेजा गया था। ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों ने यूएस से मंगाए 3डी मॉडल का इस्तेमाल किया था। ऑपरेशन से पहले 48 घंटे तक डॉक्टरों ने इस मॉडल पर पहले प्रैक्टिस की थी। डॉ. अशोक कुमार महापात्रा और डॉ. दीपक गुप्ता की निगरानी में ये पूरा उपचार चला था।
डॉक्टरों का कहना है कि, बीते 15 नवंबर को एम्स की ओर से इसके लिए आवेदन किया था। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की संपादकीय टीम ने पूरे केस पर गहन अध्ययन के बाद मंगलवार को आवेदन स्वीकार करने और पहली क्रानियोपैगस सर्जरी के लिए पूरी दुनिया में एम्स के नाम रिकॉर्ड दर्ज करने की घोषणा की। इससे पहले एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी उपचार करने वाली टीम के प्रत्येक सदस्य को सम्मानित कर चुके हैं। निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा कि साल के अंतिम दिन अचानक से मिली इस खुशी ने पूरे एम्स परिसर का माहौल ही अलग कर दिया है। हर डॉक्टर संस्थान की इस उपलब्धि पर बेहद खुश है और एम्स प्रबंधन को अपने स्टाफ पर गर्व है।
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