रोबॉट से सर्जरी वाला दूसरा अस्पताल होगा सफदरजंग, होगा किडनी ट्रांसप्लांट
देश की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अगले दो महीनों में रोबॉट की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट की जाएगी। रोबॉट को इस्तेमाल करनेवाली अस्पताल की टीम ट्रेंड हो गई है। इस टीम ने 3 महीने में 100 से ज्यादा सर्जरी रोबॉट की मदद से की हैं। अब रोबॉट की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट करने की तैयारी है। अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट करना एक मुश्किल सर्जरी है। इस सर्जरी को करने से पहले एक प्रशिक्षित टीम की जरूरत थी। अब हमारी टीम तैयार है। हम अगले दो महीने में किडनी ट्रांसप्लांट करने की तैयारी में है। डॉक्टर अनूप का कहना है कि तीन महीने पहले रोबॉट को इंस्टॉल किया गया। सरकारी अस्पतालों में एम्स के बाद सफदरजंग दूसरा है, जहां रोबॉट है। उन्होंने कहा कि रोबॉट की मदद से कम समय में बेहतर सर्जरी के रिजल्ट आ रहे हैं। पहले जितने समय में एक सर्जरी होती थी, अब उतने वक्त में दो सर्जरी कर रहे हैं। इससे सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों को फायदा मिल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर ऑनलाइन हेल्थ एजुकेशन प्रोग्राम के तहत अस्पताल में महीने में दो बार लाइव सर्जरी की जाती है। इसे देश भर के डॉक्टर अपने सेंटर में बैठ कर देखते हैं और ट्रेनिंग मिलती है। डॉक्टर अनूप ने कहा कि अमेरिका, यूके और यूरोप में भी हमारी सर्जरी लाइव देखी जाती है। उन्होंने बताया कि हम इलाज के साथ-साथ देहात व छोटे शहरों के डॉक्टरों को सर्जरी के लिए ट्रेंड कर रहे हैं। रोबॉट की मदद से सर्जरी में चीरा नहीं लगता है। दर्द नहीं होता। ब्लड लॉस नहीं होता। रिकवरी जल्दी होती है। लोग इलाज के बाद अपने काम पर जल्दी लौटते हैं। बड़ी बीमारी का भी इलाज संभव हो रहा है। थ्रीडी विजन है। लेप्रोस्कोपिक की तुलना में दस गुना ज्यादा मेग्निफाइ पिक्चर दिखाता है। ब्राइटनैस काफी बेहतर है। सर्जरी में आधा समय लगता है। एक ऑपरेशन थिएटर में पहले दो सर्जरी होती थीं, अब चार सर्जरी हो रही हैं।
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