गणतंत्र दिवस में महाराष्ट्र की झांकी की नहीं शामिल करने पर एनसीपी, शिवसेना ने केंद्र को घेरा
गणतंत्र दिवस समारोह में महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नहीं करने पर एनसीपी, शिवसेना ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए जमकर निशाना साधा जहां एनसीपी ने इसे राज्य की जनता का अपमान बताया। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्र ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए गैर-बीजेपी शासित महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों का ‘अपमान’ जैसा है। सुले ने ट्वीट किया, 'केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है। यह देश का पर्व है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद है लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है।'
बारामती से सांसद सुले ने एक समाचार भी साझा किया जिसमें दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड (26 जनवरी) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार कर दिया है। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, 'आपको बताना होगा कि दो राज्यों की झांकियों को मंजूरी क्यों नहीं दी गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को मामले की जांच करानी चाहिए। पता लगाना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या ऐसे तत्व हैं जिनकी पिछली सरकार के प्रति निष्ठा बनी हुई है?' सुले और राउत इस खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए 56 प्रस्तावों में से 22 झांकियों को चुना है। इनमें 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और छह केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि झांकी की मंजूरी नहीं देने के फैसले से राज्य की जनता की अस्मिता आहत हुई है।
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