मिस्त्री में थी नेतृत्व की कमी: टाटा समूह
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री मामले में खुद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और उसमें कहा है कि मिस्त्री ने अपने समय में निदेशक मंडल के सदस्यों की शक्तियां अपने हाथों में ले ली थीं और 'टाटा ब्रैंडÓ की छवि खराब कर रहे थे। रतन टाटा का कहना है कि मिस्त्री नेतृत्व में कमी थी क्योंकि टाटा संस का चेयरमैन बन जाने के बाद भी खुद को समय से अपने परिवार के कारोबार से दूर करने को लेकर अनिच्छुक थे, जबकि उनके चयन के साथ यह शर्त लगी हुई थी। रतन टाटा ने मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त करने के राष्ट्रीय कंपनी काननू अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के हालिया आदेश के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इससे पहले टाटा संस गुरुवार को एनसीएलएटी के उक्त फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है। रतन टाटा ने कहा, मिस्त्री के नेतृत्व में खामियां थीं। वह टाटा संस का चेयरमैन बन जाने के बाद भी समय से खुद को अपने पारिवारिक कारोबार से अलग करने और पारिवारिक कारोबार से संबंधित हितों के संभावित टकराव की स्थितियों को दूर करने को तैयार नहीं थे जबकि यह इस पद पर उनकी नियुक्ति की पूर्व शर्त थी।
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