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कांग्रेस सियासी लाभ के लिए नागरिकता कानून पर फैला रही भ्रम : पासवान

कांग्रेस सियासी लाभ के लिए नागरिकता कानून पर फैला रही भ्रम : पासवान

कांग्रेस सियासी लाभ के लिए नागरिकता कानून पर फैला रही भ्रम : पासवान
 लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता और सांसद राम विलास पासवान ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई सरकार किसी की नागरिकता नहीं छीन सकती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार आश्वासन दे रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लोगों को कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम के प्रति आगाह करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सियासी लाभ लेने के लिए इस मुद्दे पर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि, इस समय पूरे देश में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे है। सभी विपक्षी दलों ने इसका एक सुर में विरोध किया है। लोजपा नेता रामविलास पासवान ने कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक और उगड़ी जाति के सभी लोग देश के असली नागरिक हैं। नागरिकता उनका जन्म सिद्ध अधिकार है। किसी भारतीय को बेवजह इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। पासवान ने कहा, जहां तक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की बात है तो अभी तक इस पर कोई बात नहीं हुई है और इसका किसी मजहब से लेना-देना नहीं है। 
इसके आधार पर किसी की नागरिकता नहीं ली जा सकती। लोजपा नेता रामविलास पासवान ने कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता मेरा और मेरी पार्टी का मिशन रहा है। मैंने जीवनभर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा सरकार सभी वर्गों का पूरा-पूरा ध्यान रख रही है। पासवान ने ट्वीट कर कहा नागरिकता (संशोधन) अधिनयम, 2019 को लेकर पूरे देश में सुनियोजित तरीके से भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। 
रामविलास पासवान ने कहा, मुसलमानों को इस कानून (सीएए) के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय नागरिकता से इसका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, 2003 में सीएए में संशोधन किया गया जिसमें एनआरसी जोड़ा गया। 2004 में यूपीए की सरकार बनी जो इसे वापस ले सकती थी, लेकिन इसे वापस लेने की बजाय 7 मई 2010 को लोकसभा में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था-यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है।

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