पंजाब नेशनल बैंक से करोड़ों रुपए की लोन धोखाधड़ी के आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर अमेरिकियों को भी ठगने का आरोप है। दरअसल अमेरिकी दीवालिया कोर्ट ने चोकसी की अमेरिका स्थित कंपनी 'सैमुएल ज्वैलर्स' के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। जांच में पता चला है कि चोकसी की कंपनी असली हीरों की जगह ग्राहकों को लैब में बनाए गए हीरा बेचा करती थी, जबकि उन्हें सर्टिफिकेट असली हीरे का दिया जाता था। रिपोर्ट के अनुसार ऐसा चोकसी द्वारा नियंत्रित ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड समूह कंपनी की एक लैब ने किया। जॉन जे कारने को अमेरिका की दिवालियापन अदालत ने जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है। उनकी फोरेंसिक रिपोर्ट ने चोकसी पर आरोप लगाया है कि गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के स्वामित्व वाली सैमुएल ज्वैलर्स को धोखाधड़ी वाले लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए 139 करोड़ रुपए मिले हैं। जिन्हें पंजाब नेशनल बैक ने गीतांजलि को जारी किया था।
यह पैसा चोकसी द्वारा नियंत्रित सैमुएल्स ज्वैलर्स और कंपनियों के बीच एक शैम रॉयल्टी समझौते के जरिए मिला था। जिसमें कुछ कंपनियां मिडिल ईस्ट की भी शामिल थी, लेकिन केवल कागजों में। रिपोर्ट के अनुसार चोकसी के पुत्र रोहन और उसके भांजे नेहल मोदी का सैमुएल ज्वैलर्स में भागीदारी थी। नीरव मोदी पर पीएनबी के फर्जी एलओयू के जरिए करीब 15,600 करोड़ रुपए के लेन-देन का आरोप है। इससे पहले चोकसी के एक पूर्व वरिष्ठ कर्मचारी ने भी आरोप लगाया था कि उसकी कंपनी नकली हीरों को असली बताकर बेचा करती थी। कंपनी के एक पूर्व प्रबंध निदेशक संतोष श्रीवास्तव ने कहा था नकली हीरों को ब्रैंड वैल्यू, कट्स और फर्जी सर्टिफिकेशन देकर ऊंचे दामों पर बेचा जाता था। ए-ग्रेड का बताकर बेचा गया हीरा असल में सी-ग्रेड का हुआ करता था। उन्होंने पिछले साल ही कहा था बेशकीमती और दुलर्भ बताकर बेचा जाने वाला हीरा असल में लैब में बना होता था, जिसकी लागत बताई गई कीमत का महज 5-10 फीसदी ही हुआ करती थी।
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अमेरिकी ग्राहकों को भी मेहुल ने ठगा, थमाए नकली हीरे