हैदराबाद स्थित एनआईपीईआर के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि नीम के पत्तों और फूलों से प्राप्त रासायनिक यौगिक निंबोलाइड स्तन कैंसर के उपचार में बेहद उपयोगी है। आरंभिक परीक्षणों में उन्होंने इसे स्तर कैंसर में बेहद उपयोगी पाया है। वैज्ञानिक चंद्रयाह गोडुगु ने कहा कि वे आगे अनुसंधान करने और नैदानिक परीक्षण पर आने वाले खर्च के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आयुष और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों और विभिन्न एजेंसियों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीकी प्रक्रियाओं द्वारा इससे सस्ती एंटी-कैंसर दवा बनाई जा सकती है, क्योंकि नीम का पेड़ भारत में हर जगह पाया जाता है। अनुसंधान कार्यक्रम से जुड़े गोडुगु ने कहा, इसके कैंसर विरोधी तत्वों के अलावा, यह एक आशाजनक केमोप्रेंटेंटिव एजेंट साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि नीम के पौधे के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल परंपरागत रूप से कई विकारों को ठीक करने के लिए किया जाता है, उनके तर्क के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी थी। उन्होंने कहा, हमने हाल ही में नए आणविक मार्गों से स्तन कैंसर में निंबोलाइड की कैंसर विरोधी क्षमता को साबित कर दिया है। यह सेल मौत को प्रेरित करता है और कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार को रोकता है। उन्होंने कहा कि हमने पाया कि निंबोलाइड ने स्तन कैंसर और ट्रिपल नकारात्मक स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को काफी हद तक रोकने में प्रभावी रहा है।