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ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जल्द जुड़ेगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जल्द जुड़ेगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जल्द जुड़ेगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे 
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। इससे करीब 6 महीने बाद रोजाना हजारों वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे डासना से करीब तीन किलोमीटर आगे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के ऊपर से गुजरेगा। इसी स्थान पर दोनों एक्सप्रेस-वे एक-दूसरे को जोड़ेंगे। ईस्टर्न पेरिफेरल का नया टोल प्लाजा भी इसी स्थान पर बनाया जाएगा। 
डासना से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) छह लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे में तब्दील हो जाएगा। जबकि मेरठ की तरफ आगे बढ़ने पर डीएमई ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के ऊपर से क्रॉस करेगा। दोनों एक्सप्रेस-वे के वाहन चालकों को एक-दूसरे एक्सप्रेस-वे पर आवाजाही के लिए जंक्शन पर ही सुविधा दी जाएगी। 
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि दुहाई और डासना में पहले से ही ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने-उतरने का लूप है। लेकिन दोनों एक्सप्रेस-वे के जंक्शन पर आवाजाही की सुविधा से वाहन चालकों का समय बचेगा और सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। पलवल से आने वाले वाहनों को डासना पर नहीं उतरना होगा, जबकि सोनीपत की ओर से आने वालों को दुहाई पर नहीं उतरना होगा। इसी तरह दिल्ली और देहरादून की तरफ से आने वाले वाहन चालकों को दुहाई या डासना पर चढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नए तैयार हो रहे जंक्शन पर दोनों तरफ के वाहन चालक डीएमई पर आवाजाही कर सकते हैं। 
- जमीन पर शुरू होगा काम
एनएचएआई को रसूलपुर सिकरोड़, डासना, कुशलिया और नाहल गांव की जमीन मिल गई है। इस जमीन के ना मिलने से एनएचएआई को काम में तेजी लाने में परेशानी हो रही थी। डासना से बन रहे 700 मीटर लंबे एलीवेटिड रोड का निर्माण भी तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। चारों गांव की करीब 15 हेक्टेयर जमीन का पेंच लंबे समय तक फंसा हुआ था। 
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे
लंबाई    96 किलोमीटर
लागत    7 हजार करोड़ रु
चरण    4
- डासना-मेरठ खंड
लंबाई    32 किलोमीटर
लागत    3588 करोड़ रुपये
स्थिति    68 फीसदी काम हुआ

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