डेथ वॉरंट जारी होने के बाद डिप्रेशन में निर्भया के दोषी, खाना-पीना छोड़ा
निर्भया के आरोपियों की फांसी की तारीख और समय कोर्ट ने तय कर दिया है। निर्भया के आरोपियों को 22 जनवरी सुबह 7:00 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन डमी प्रक्रिया को भी अंजाम देगा। इसको लेकर बाकायदा तिहाड़ के सीनियर अधिकारियों ने फांसी की कोठी का भी निरीक्षण किया जहां 4 अलग-अलग तख्त बनाए गए हैं। तिहाड़ जेल सूत्रों का कहना है कि मौत की तारीख का पता लगने के बाद से आरोपियों ने खाना-पीना कम कर दिया है। फांसी की प्रक्रिया को जेल नंबर 3 में अंजाम दिया जाएगा। यहां पर 4 तख्त बनाए गए हैं। जेल मैनुअल के आधार पर आरोपियों को फांसी दी जाएगी। इससे पहले डमी प्रक्रिया भी की जाएगी जिसमें रस्सी में आरोपी के वजन से डेढ़ गुना ज्यादा वजनी बोरे को लटकाया जाएगा और रस्सी की मजबूती जांची जाएगी। तिहाड़ जेल प्रशासन ने बक्सर से रस्सियां मंगवा ली हैं।
जेल सूत्रों ने बताया कि अभी आरोपियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है। यह फैसला आने के बाद यानी डेथ वॉरंट जारी होने के बाद सभी दोषी डिप्रेशन में हैं। उन्होंने खाना-पीना कम कर दिया है। उनके पास अब सिर्फ 14 दिन का विकल्प है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे किस तरह अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करते हैं।
डेथ वॉरंट जारी होते ही तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी कोठी का निरीक्षण किया और उन्होंने फांसी की सारी तैयारियों का जायजा लिया। तिहाड़ जेल प्रशासन दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है। ऐसे में वहां पर डेवलपमेंट वर्क दिल्ली सरकार की एजेंसी पीडब्ल्यूडी करती है। वहां पर चारों दोषियों के लिए अलग-अलग तख्त बना दिए गए हैं। तिहाड़ जेल प्रशासन ने यूपी से पवन जल्लाद भेजने का आग्रह किया था, यूपी सरकार ने उसका आग्रह स्वीकार कर लिया है। इसका मतलब यह हुआ कि मेरठ का पवन जल्लाद ही इन दरिंदों को फांसी देगा। पवन ने कुछ दिन पहले इन्हें फांसी देने की इच्छा भी जताई थी।
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