निर्भया कांड: मुजरिमों को फांसी पर लटकाने को बेताब हैं पवन
जब दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया के गुनहगारों को एक साथ फांसी पर टांगने का डेथ वारंट जारी किया है, यूपी के मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है। आसमान की ओर दोनों हाथ जोड़कर पवन जल्लाद ईश्वर के साथ-साथ, तिहाड़ जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय का बार-बार शुक्रिया अदा कर रहे हैं, क्योंकि निर्भया के कातिलों को फांसी पर लटकाने की एवज में उन्हें एक लाख रुपए जैसी मोटी पगार जिंदगी में पहली देखने को मिलेगी। मेहनताने में हासिल इस रकम से पवन जल्लाद अपनी बिटिया की शादी करेंगे। पवन जल्लाद, 'इस वक्त मैं 57 साल का हो चुका हूं। मैंने अपने जीवन में इससे पहले कभी, इतनी बड़ी रकम फांसी के बदले मेहनताने के रूप में मिलती हुई न देखी न सुनी। कहने को भले ही मैं देश में खानदानी जल्लाद क्यों न होऊं। पवन ने कहा, 'मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे। दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे। दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह केहर सिंह तक को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था। मगर वो जमाना औने-पौने मेहनताने का था।
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