पुस्तक मेले में दूर शहरों से भी आ रहे लोग
पुस्तक मेला में सिर्फ दिल्ली से ही नहीं बल्कि रांची, जयपुर, भोपाल समेत कई शहरों से पुस्तकप्रेमी पहुंच रहे हैं। बुधवार सुबह से शाम तक बारिश के बीच भी छाता लेकर पुस्तक प्रेमी मेले में पहुंचे। बारिश और कंपकपाती ठंड भी उनका हौसला नहीं डिगा पाई। वर्धा से पुस्तक मेला में आये महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला ने बताया कि मेले में चार दिन बाद आने का दुख है। यहां आने का उद्देश्य ज्ञान के नवोन्मेष से परिचित होना है। जो नया प्रकाशित हुआ है मुझे उसे पाने की लालसा रहती है। पुस्तक मेला में जयपुर से आये कवि संपत सरल ने बताया कि लोग विभिन्न उद्देश्य से मेला में आते हैं लेकिन मेरा उद्देश्य बेहतर साहित्य खरीदने का होता है। यह जगह लोगों के मिलने मिलाने के अलावा किताबों से रूबरू होने के लिये भी है। रांची से पुस्तक मेला में आये बनमाली सिंह ने बताया कि हर साल मैं इस पुस्तक मेला में आता हूं। इस बार भी मैंने काफी किताबें खरीदी हैं। यह पूछे जाने पर कि आप किताब ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं तो उनका कहना था कि किताबों को महसूस करना जरूरी है।
रीजनल
पुस्तक मेले में दूर शहरों से भी आ रहे लोग