संदीप पादिल भी टेस्ट प्रारुप में बदलाव के खिलाफ
पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल ने भी टेस्ट प्रारुप में बदलाव के आईसीसी के प्रस्ताव का विरोध किया है। संदीप का मानना है कि पांच दिवसीय मैच से क्रिकेटर की असली परीक्षा होती है। वर्ष 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम में शामिल रहे पाटिल ने कहा, ‘‘मैं पुराने विचारों का हूं और सचिन तेंदुलकर ने जैसी इसकी व्याख्या की है कि पांच दिवसीय टेस्ट का पहला दिन मध्यम गति के गेंदबाजों का होता है और टेस्ट क्रिकेट आपके जज्बे की परीक्षा लेता है। आप उस जज्बे और उन परीक्षाओं को हटाने का प्रयास कर रहे हैं।’’पाटिल ने 1980 से 1984 तक 29 टेस्ट मैचों में खेला है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे टेस्ट क्यों कहा जाता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति की परीक्षा होती है। एक क्रिकेटर को पहले दिन इम्तिहान के लिये रखा जाता है और यह अंतिम दिन तक चलता है। जब विकेट टूटा होता है, टर्न लेता है तो आपको स्पिनरों का सामना करना पड़ता है।’’ चयन समिति के अध्यक्ष रहे पाटिल ने दिन रात्रि टेस्ट के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने (आईसीसी) इसे शुरू किया। इस पर टिप्पणी करना अभी बहुत जल्दबाजी होगी, आस्ट्रेलिया इसे शुरू कर चुका है। हमने भी एक मैच खेला है जो सफल रहा। हमें इंतजार करना होगा। आईसीसी ने इसे आजमाया है इसलिये उम्मीद करते हैं कि यह सफल रहेगा।’’
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संदीप पादिल भी टेस्ट प्रारुप में बदलाव के खिलाफ