पीएम मोदी के गढ़ में आज प्रियंका गांधी साधेंगी सियासी समीकरण
- सीएए के विरोध में आंदोलनकारियों के साथ चंपक के अभिभावकों से भी मिलेंगी प्रियंका
वाराणसी (ईएमएस)। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को वाराणसी के दौरे पर पहुंचेंगी। चार घंटे की अल्पअवधि के इस प्रवास में प्रियंका गांधी कई सियासी समीकरण को साधेंगी। वे यहां पूजा पाठ भी करेंगी और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध में शामिल आन्दोलनकारियों से मुलाकात भी करेंगी। इन्हीं में से एक है डेढ़ साल का चंपक, जिसके माता-पिता को जेल हो गई थी। वे नागरिकता संशोधन कानून की मुखालफत कर रहे थे। इसके अलावा वे कई राजनितिक समीकरणों को भी साधने की कोशिश करेंगी। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी में जो आंदोलन हुए उससे एक नए राजनीतिक समीकरण का जन्म होता दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों के वाम दलों व कई सामजिक संगठनों के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आये थे। यही वजह है कि अपनी जमीन तलाशने की फिराक में कांग्रेस पार्टी जी तोड़ मेहनत कर रही है, जिससे उसे इस नए राजनीतिक धरातल पर कुछ हिस्सेदारी मिल जाए। प्रियंका गांधी आंदोलन के दौरान पकड़े गए और मारे गए लोगों के परिजनों से जा जाकर मिल रही है। लखनऊ और पश्चिमी यूपी के बाद अब उनका काफिला वाराणसी पहुंच रहा है, जहां वे बड़े पैमाने पर जेल भेजे गये लोगों से बातचीत करेंगी। इसमें डेढ़ साल के चंपक के मां बाप भी शामिल हैं।
चंपक की मां एकता सिंह ने बताया कि उन्हें भी न्यौता मिला है लेकिन, उन्होंने अभी तय नहीं किया है वे जायेंगी य़ा नहीं। चंपक का दर्द आंदोलन के समय बहुत फेमस हुआ था, क्योंकि उसके मां बाप दोनों को जेल जाना पड़ा था। डेढ़ साल की बच्ची की 14 दिनों तक उसके रिश्तेदारों ने परवरिश की। 14 दिन बाद एकता को जमानत मिली। एकता और रवि पर्यावरण के मुद्दे पर लगातार वाराणसी में सक्रिय रहे हैं। वाराणसी हिंसा में गिरफ्तार सभी 76 लोगों को प्रियंका से मिलने के लिए न्योता भेजा गया है। इसके साथ प्रियंका गांधी उस छात्र से भी मिलेंगी जिसने सीएए की खिलाफत करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मंच से डिग्री लेने से मना कर दिया था। छात्र रजत सिंह ने अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में डिग्री लेने से इनकार किया था। प्रियंका भैंसासुर घाट पर एक बुनकर की बेटी शायना अनवर से भी मिलेंगी।
प्रियंका गांधी अपने वाराणसी दौरे में दो तरफा निशाना साधते हुए दिखाई दे सकती हैं। एक तो वे सीएए की खिलाफत करने वालों के साथ हमदर्दी जतायेंगी और उन्हें समझाने की कोशिश करेंगी कि किस तरह इस कानून के जरिये भाजपा ने संविधान को तोड़ना शुरु किया है। वहीं दूसरी तरफ वे वाराणसी के घाट से दलित वोटरों पर भी डोरे डालती दिखाई देंगी।
अभी तक के तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचने के बाद सबसे पहले राजघाट जिसे भैंसासुर घाट भी कहते हैं, पर गंगा में आचमन करेंगी। उसके बाद घाट पर ही बने संत रविदास मंदिर में पूजा पाठ करेंगी। दलित समाज के लिए ये एक बड़ा धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में पूजा करके प्रियंका गांधी कांग्रेस से छिटक गये दलित समाज के प्रति अपनी आस्था जाहिर करने की कोशिश करेंगी। मालूम हो कि दलित किसी जमाने में कांग्रेस का वोट बैंक हुआ करते थे लेकिन बसपा के जन्म के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गये। पिछले कई चुनावों में बसपा के इस वोटबैंक में भाजपा ने भी सेंधमारी की है। और अब प्रियंका गांघी कोशिशों में जुटी हैं। वाराणसी के भैंसासुर घाट पर बने इस मंदिर को देश के बड़े दलित नेता और उप प्रधानमंत्री रहे बाबू जगजीवन राम ने बनवाया था। मंदिर तीन मंजिला है। इसकी पहली मंजिल पर जगजीवन राम जबकि दूसरी मंजिल पर संत रविदास की मूर्ति लगी है। जगजीवन राम बिहार के रहने वाले थे। वाराणसी में गंगा में आचमन करके और घाट पर मीटिंग करके प्रियंका पीएम नरेन्द्र मोदी पर भी हमले करते दिखाई दे सकती हैं। वे गंगा की सफाई को लेकर पीएम मोदी पर हमला कर सकती हैं। वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
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