सुप्रीम कोर्ट ने महावत से पूछा, क्या हाथी देश का नागरिक है?
हथिनी लक्ष्मी अपने पुराने महावत के पास वापस नहीं जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने महावत सद्दाम की याचिका सुनने से मना कर दिया है। एसए बोबड़े ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या हाथी देश का नागरिक है? मालूम हो कि दिल्ली में अवैध तरीके से रखी हथिनी को जब्त करने गए अधिकारियों पर महावत सद्दाम ने अपने साथियों के साथ हमला कर हथिनी को भगा दिया था। दो महीने बाद मिली लक्ष्मी फिलहाल हरियाणा के केयर सेंटर में है। याचिका में कहा गया था कि उसकी हथिनी को वन विभाग ने हरियाणा में हिरासत में रखा हुआ है, उसे रिहा करवाया जाए। बता दें कि कुछ महीने पहले वन विभाग के अधिकारी वन्य जीव अधिनियम के तहत लक्ष्मी को उठाकर ले गए थे। जिसके बाद महावत ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करके अपनी हथिनी की रिहाई की मांग की। लेकिन अदालत ने महावत सद्दाम की याचिका सुनने से इनकार कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने हथिनी को पुनर्वास केंद्र में रखा है। दिल्ली की हथिनी लक्ष्मी को वन अधिकारियों ने यमुना बैंक के पास से हरियाणा भेज दिया था। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में महावत ने कोर्ट में कहा कि वह 10 साल से हथिनी लक्ष्मी के साथ था। उसकी लक्ष्मी के प्रति गहरी संवेदना है और वह उसके परिवार के सदस्य की तरह है। सितंबर में वह लक्ष्मी को एक शिविर में ले जा रहा था, तभी वन विभाग के अधिकारियों ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। अब वो हरियाणा के पुनर्वास केंद्र में है। उसने वन विभाग के अधिकारियों से जब हथिनी लक्ष्मी को छुड़ाने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को वह पुलिस की हिरासत से रिहा हुआ है।
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