जामिया में 28 दिन बाद भी डटे प्रदर्शनकारी
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक सीएए, एनपीआर और एनआरसी खिलाफ शुरू किया गया आंदोलन 28 दिन बाद भी जारी है। छात्र और शिक्षक जामिया के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए डटे हैं। कड़ी सर्दी के बावजूद छात्र-छात्राएं और स्थानीय लोग प्रदर्शन स्थल पर हजारों की संख्या में जमा हुए। प्रदर्शन स्थल पर बहुत से सामाजिक व राजनीतिक दल से जुड़े लोग उपस्थित रहे। स्वराज अभियान के हल्ला बोल के अनुपम ने इस मौके पर कहा कि सीएए और एनआरसी देश के खिलाफ हैं। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने नोटबंदी के समय हमें ये बताया था कि ये भ्रष्टाचार को ख़त्म कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यूनाईटेड ओबीसी के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाने वाले लोगों के लिये एक नया नाम निकाला है। सामाजिक कार्यकर्ता ख़ालिद सैफ़ी ने कहा कि जामिया के कुलपति, रजिस्ट्रार और पुलिस कमिश्नर से विगत 15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में जवाब देना चाहिए।
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