YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

स्पोर्ट्स

अब भी दर्द है प्रकाश ने साइना को अकादमी छोड़ने के लिए उकराया : गोपीचंद

अब भी दर्द है प्रकाश ने साइना को अकादमी छोड़ने के लिए उकराया : गोपीचंद

अब भी दर्द है प्रकाश ने साइना को अकादमी छोड़ने के लिए उकराया : गोपीचंद 
 'गुरु गोपी' के नाम से मशहूर पुलेला गोपीचंद हालांकि अपनी भावनाएं जल्दी नहीं प्रकट करते, लेकिन उन्होंने अपनी किताब में उस तकलीफ को साझा किया है, जो उन्हें साइना नेहवाल के उनकी अकादमी छोड़कर जाने से हुई थी। उन्होंने किताब में स्वीकार किया कि यह बात उन्हें अब तक परेशान करती है कि साइना ने मेरी अकादमी छोड़कर प्रकाश की अकादमी ज्वाइन कर ली।
गोपीचंद ने अपनी किताब ‘ड्रीम्स ऑफ ए बिलियन : इंडिया एंड द ओलिंपिक गेम्स’ में इस बात का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि वह इस बात से भी हैरान थे कि महान खिलाड़ी और भारत के पहले बैडमिंटन सुपरस्टार प्रकाश पादुकोण ने कभी भी उनके बारे में कोई भी सकारात्मक बात नहीं की। पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन और राष्ट्रीय मुख्य कोच गोपीचंद ने इसमें अपने मुश्किल समय का भी जिक्र किया। 46 वर्षीय गोपीचंद की किताब के ‘बिटर राइवलरी’ शीर्षक अध्याय में बताया कि जब साइना ने 2014 वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद बेंगलुरु में पादुकोण की अकाडमी से जुड़ने और विमल कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करने का निर्णय लिया तो वह कितने दुखी हुए थे।
साइना के पति और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी पारूपल्ली कश्यप ने भी इसकी पुष्टि की है। इस किताब के सह लेखक खेल इतिहासकार बोरिया मजूमदार और वरिष्ठ पत्रकार नलिन मेहता हैं। इस किताब में गोपीचंद ने खुलासा किया है कि यह कुछ इस तरह था कि जैसे मेरे किसी बहुत करीबी को मुझसे बहुत दूर कर दिया गया हो। पहले मैंने साइना से नहीं जाने की मिन्नत की, लेकिन तब तक वह अपना मन बना चुकी थी। ऐसे में मैं उन्हें रोककर उनकी संभावित प्रगति नहीं रोकना चाहता था। मैं जानता था कि ऐसे करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं था। 
उस समय ऐसी चर्चा चल पड़ी थीं कि साइना नेहवाल को लगता था कि गोपीचंद ज्यादा ध्यान पीवी सिंधु पर दे रहे हैं। गोपीचंद ने इस पर लिखा है, हां, मेरे पास देखरेख के लिए अन्य खिलाड़ी भी थे और सिंधु ने 2012 और 2014 के बीच के दो वर्षों में काफी प्रगति की थी। लेकिन मेरी इच्छा कभी साइना की अनदेखी करने की नहीं थी। शायद यह बात मैं उसे समझा नहीं सका। 
 

Related Posts