लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज हो चुका है। 7 चरणों में होने वाले आम चुनाव में पहले चरण के लिए 11 अप्रैल और अंतिम चरण के लिए 19 मई को वोटिंग होगी, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को की जाएगी। हांलाकि लोकसभा चुनाव की तरीखों के ऐलान में देरी को लेकर कई लोगों ने सवाल खड़े किए। लेकिन सच यह है कि 16वीं लोकसभा में मोदी सरकार का कार्यकाल 3 जून को खत्म हो रहा है, इस लिहाज से इससे पहले चुनाव की प्रक्रिया खत्म हो जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने 10 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की। इससे पहले 2009 में चुनाव की तारीखों का ऐलान 2 मार्च को हुआ था, तो वहीं 2014 में 5 मार्च को चुनाव का ऐलान हुआ था। हांलाकि चुनाव के ऐलान की तारीख कोई मुद्दा नहीं है। क्योंकि चुनाव आयोग को तारीखों के अलावा अन्य कई चीजों पर ध्यान देना होता है, मसलन केंद्रीय बल की उपलब्धता, मतदान के चरणों की संख्या इत्यादि। जैसे 2019 में चुनाव 7 चरण में होने, जबकि 2014 में 9 चरण में चुनाव हुए थे। और 16 मई को चुनावी प्रक्रिया खत्म हो गई थी। चुनाव की तारीखों और चरणों को लेकर जानकारों की अलग-अलग राय हो सकती है। लेकिन सच बात तो यह है कि मोदी सरकार का कार्यकाल 3 जून को खत्म होना है। इससे पहले चुनाव आयोग को चुनाव की सभी प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी। तो वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों और गठबंधनों को अपनी सीटों के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश करने का मौका दिया जाएगा। याद कीजिए साल 2014 में चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 मार्च को हुआ था जबकि वोटों की गिनती 16 मई को हुई थी।
साल 2014 में ऐतिहासिक बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल ने 26 मई को राष्ट्रपति भवन परिसर में शपथ लिया। लेकिन खासबात तो यह है कि संसद सदस्यों ने 4 जून को शपथ ली थी। लिहाजा यह साफ है 3 जून से पहले चुनाव हो जाने चाहिए ताकि नई सरकार का गठन किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि रविवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 का ऐलान कर दिया। 17वीं लोकसभा के लिए 7 चरणों में- 11 अप्रैल, 18, 23, 29 और 6 मई, 12 और 19 को वोटिंग की जाएगी। तो वहीं 23 मई को वोटों की गिनती होगी। लोकसभा चुनावों के साथ-साथ 4 राज्यों-आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे।
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चुनाव की 23 मई को मतगणना लेकिन मोदी सरकार का कार्यकाल 3 जून तक