रिलायंस जियो इन्फोकॉम अपने कर्ज को कम करने के लिए देश में अपने ऑप्टिक फाइबर एसेट्स में हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इसके लिए कंपनी विदेशी निवेशकों से बातचीत कर रही है। जानकारी के मुताबिक कंपनी ने अमेरिका, पश्चिम एशिया और ऑस्ट्रेलिया में संभावित निवेशकों से संपर्क करने के लिए मोएलिस, सिटी और आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज को इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का काम सौंपा है। रिलायंस फाइबर एसेट्स को अलग करके एक कंपनी बनाना चाहती है, जो सेल और लीजबैक या इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) मॉडल के तहत इससे फंड जुटाएगी। नई कंपनी में कम से कम 15 फीसदी हिस्सेदारी रखना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो 85 फीसदी बची हुई हिस्सेदारी पांच विदेशी निवेशकों को बेची जाएगी। कहा जा रहा है कि इसके लिए कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी), सीडीपीक्यू, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, किंगडम होल्डिंग्स, खजाना, आलियांज और मैक्वायरी सहित दूसरे निवेशकों से संपर्क किया गया है। जियो के फाइबर एसेट्स की कीमत 6-7 अरब डॉलर होने का अनुमान है।