YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

मोदी सरकार के बजट की नाराज चल रही शिवसेना ने की तारीफ लोगों की उम्मीदों के हिसाब से दिया

मोदी सरकार के बजट की नाराज चल रही शिवसेना ने की तारीफ लोगों की उम्मीदों के हिसाब से दिया

मोदी सरकार के अपने कार्यकाल का शुक्रवार को आखिरी बजट पेश किया गया। अंतरिम बजट के माध्यम से मोदी सरकार की कोशिश रही कि हर वर्ग को खुश और संतुष्ट कर सके, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सके। बजट के बाद तमाम विपक्षी दलों ने इस मोदी सरकार का आखिरी जुमला बताया। वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने पूर्व से पूर्व अपने आलोचनाओं के रुख को छोड़कर बजट की सराहना की है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि देशभर के लोगों को जिसकी उम्मीद थी। मोदी सरकार ने वहां काम करके दिखा दिया। 
सामना में लिखा है कि देशभर में इस वर्ष भले ही कम बरसात हुई है फिर भी लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी बजट में मोदी सरकार घोषणाओं की बारिश करेगी, यही उम्मीद थी। इन दिनों वित्त विभाग का अतिरिक्त कामकाज संभालने वाले रेलमंत्री पीयूष गोयल द्वारा रख गए ‘अंतरिम’ बजट ने अपेक्षाओं को भंग नहीं किया है। यह बजट ‘अंतरिम’ था फिर भी चुनाव से पहले सरकार के लिए यह आखिरी मौका होने से उसका स्वरूप ‘पूर्ण बजट’ जैसा रखा जाएगा और इस मौके का पूर्णत: लाभ उठाने की कोशिश सरकार द्वारा की जाएगी, ये काले पत्थर की सफेद लकीर थी। 
सामना में लिखा गया हैं कि नोटबंदी तथा अन्य आर्थिक नीतियों के कारण गरीब-मध्यम वर्ग से लेकर किसान-मजदूर तक और आम नौकरीपेशा से लेकर व्यावसायिक-उद्योगपतियों तक सभी घटक मोदी सरकार से नाराज हैं। ऊपर से बीच के दिनों में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का झटका सत्ताधारी दल को लगा इसलिए इन नाराज घटकों को खुश करने की कोशिश इस बजट में की गई है। 
नौकरीपेशा लोगों को मिली राहत पर मुखपत्र में लिखा है कि 5 लाख रुपए तक की आय को करमुक्त करने का एक बड़ा निर्णय घोषित किया गया है। 80 (क) धारा के तहत मिलनेवाली कर छूट का विचार करते हुए कर सीमा को साढ़े ६ लाख तक बढ़ा दिया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार से 50 हजार रुपए कर दिया गया है। दूसरे मकान को करमुक्त कर दिया गया है। प्रोविडेंड फंड जिनका कटता है, उन कर्मचारियों को प्रधानमंत्री श्रमयोगी योजना के तहत 6 लाख की आयुबीमा सुरक्षा, ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख, ‘एचआरए’ पर कर में छूट जैसी अन्य कई घोषणाएं देश के करीब 3 करोड़ मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों को नजरों के सामने रखकर की गई हैं।

Related Posts