महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला: उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने दाखिल किया हलफनामा
करोड़ों रुपये के सिंचाई घोटाले में अपने खिलाफ दायर याचिकाओं का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में एक हलफनामा दाखिल किया. इसमें पवार ने खुद पर लगे सभी आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को दायर हलफनामे में यह भी कहा कि मामले की जांच सीबीआई या ईडी को सौंपे जाने की जरूरत नहीं है. मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होनी है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा था कि एसीबी जांच में अजित पवार की कोई भूमिका नहीं पाई गई है. यह घोटाला विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) की 12 परियोजनाओं से संबंधित है. दरअसल सिंचाई घोटाले के संबंध में जनमंच के अतुल जगताप ने चार जनहित याचिकाएं दायर की थीं. उन्होंने हाईकोर्ट से मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है. हलफनामे में अजित पवार ने कहा कि जगताप खुद एक ठेकेदार हैं. उक्त परियोजनाओं का कॉन्ट्रैक्ट उन्होंने भी भरा था. ऐसे में ‘हाईकोर्ट को ऐसे आवेदनों पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए; जिनमें निजी स्वार्थों, दुर्भावनापूर्ण इरादों, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता के चलते आरोप लगाए गए हैं और जो जनहित में नहीं है.’ उन्होंने दलील दी, 'मैं सभी आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं.
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