कांग्रेस छोड़ गए नेताओं को रास नहीं आई बीजेपी एक-एक कर हो रही है घर वापसी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस पाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में कांग्रेस अपने पुराने नेताओं की घर वापसी कराने में भी लगी है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले नेता एक-एक कर दोबारा से पार्टी में वापसी कर रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस के तीन दिग्गज नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था और अब सारे वापसी कर गए हैं।
शीला दीक्षित मंत्रिमंडल में कद्दावर मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस में अपनी घर वापसी कर ली है। विधानसभा चुनाव के पूर्व इसे बीजेपी के लिए करारा झटका माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले राजकुमार चौहान ने कमल का दामन थामा था। उन्होंने उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी के हंसराज हंस को रिकॉर्ड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजकुमार चौहान ने अपनी घर वापसी का फैसला किया है। कांग्रेस उन्हें मंगोलपुरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है। मंगलोपुरी सीट से राजकुमार चौहान कई बार विधायक रह चुके हैं और शीला दीक्षित सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
राजकुमार चौहान से पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि वो बीजेपी में बहुत ज्यादा दिन टिक नहीं सके और उन्होंने पिछले साल कांग्रेस में वापसी कर ली थी। अरविंद सिंह लवली दिल्ली में कांग्रेस के सिख चेहरा माने जाते थे और गांधी नगर सीट से जीतकर कई बार विधानसभा पहुंचे थे। शीला दीक्षित के करीबी माने जाते थे और कांग्रेस की दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता कृष्णा तीरथ ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, लेकिन अब वो घर वापसी कर गई हैं। कृष्णा तीरथ को बीजेपी ने 2015 में पटेल नगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में भी उतारा था, लेकिन वे आम आदमी पार्टी के हजारी लाल चौहान से हार गई थीं। केंद्रीय मंत्री रहीं कृष्णा तीरथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में वापसी किया था।
बता दें कि 2009 में उत्तर-पश्चिम दिल्ली से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने वाली कृष्णा तीरथ दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए जानी जाती हैं। पिछले दिनों कृष्णा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित से मुलाकात की थी और तभी से यह कयास लगने लगे थे कि वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाली हैं। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान वह महिला व बाल विकास राज्य मंत्री थीं।
कृष्णा तीरथ ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत दिल्ली में बतौर विधायक के रूप में की थी। वह 1984 से 2004 तक दिल्ली विधानसभा में विधायक रहीं। दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार के दौरान वह सामाजिक कल्याण मंत्री रहीं। एक समय वह दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शुमार की जाती थीं।
बीजेपी से कांग्रेस में वापसी करने वाले तीन दिग्गज नेताओं को पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव मैदान में उतारने का मन बना रही है। राजकुमार चौहान को मंगोलपुर सीट से, अरविंदर लवली को गांधी नगर सीट से और कृष्णा तीरथ को पटेल नगर या फिर करोल बाग सीट से कांग्रेस टिकट दे सकती है।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि जो भी कांग्रेसी विचारधारा का व्यक्ति रहा होता है, वह कट्टर विचारधारा के साथ ज्यादा देर नहीं रह सकता। वे पहले भी कांग्रेस परिवार का सदस्य रहे हैं, इसलिए उनकी वापसी पार्टी के लिए बेहतर खबर है। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने मूल विचारों के साथ अपने सभी मजबूत चेहरों को मैदान में उतारेगी और जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही कुछ और लोग भी कांग्रेसी खेमे में वापसी करेंगे।
रीजनल नार्थ
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