कड़कड़ाती हाड़ गलाने वाली ठंड के प्रकोप से अमेरिका व कनाडा में हालात बद से बदतर हो गए है। यहां अंटार्कटिका से भी ज्यादा ठंड पड़ रही है। मध्य पश्चिम अमेरिका के इलाकों में तापमान खतरनाक ढंग से नीचे पहुंचने के कारण यहां ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और यह जनजीवन के लिए नासूर बनती जा रही है। मिशिगन, आयोवा, इंडियाना, इलिनॉइस, विस्कॉन्सिन और मिनेसोटा में ठंड के कारण अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। स्कूल व्यवस्था के लिहाज से अमेरिका के तीसरे सबसे बड़े गढ़ शिकागो में कक्षाएं रोक दी गई हैं। यहां आसपास के इलाके में तापमान शून्य से 30-40 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। प्रशासन द्वारा लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी गई है। जानकारों का कहना है कि तापमान इतना नीचे है कि अगर कोई व्यक्ति पांच मिनट भी बाहर रहे तो ठंड के संपर्क में आने वाला अंग हिमदाह का शिकार हो जाएगा। इसका अर्थ है कि उस हिस्से के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। वहां नासूर भी बन सकता है। मिनेसोटा के इंटरनेशनल हिल्स पर शून्य से 48 डिग्री कम की शीतलहर दर्ज की गई है। यह दक्षिणी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका से भी ज्यादा सर्द है। वहां न्यूनतम शून्य से करीब 31 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान की हवाएं चलती हैं। ठंड के कारण शिकागो में हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। पैसेंजर रेल सर्विस भी रद्द कर दी गई है। बैंक और स्टोर भी बंद कर दिए गए हैं। कई जगहों पर वार्मिग सेंटर खोले गए हैं, जहां लोगों को सर्दी से राहत मिल सकती है। शिकागो में किसी भी कारण बाहर भटक गए लोगों को मदद देने के लिए पुलिस थानों को खुला रखा गया है।