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सिंधिया ने फिर किया शक्ति प्रदर्शन

सिंधिया ने फिर किया शक्ति प्रदर्शन

सिंधिया ने फिर किया शक्ति प्रदर्शन
डिनर डिप्लोमेसी से गर्माई प्रदेश की सियासत, नहीं आए सीएम
 मध्यप्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कवायद के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर अपनी ताकत दिखाई है। परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निवास पर मंत्रियों-विधायकों के साथ डिनर कर शक्ति प्रदर्शन किया। डिनर में 23 मंत्री और 40 विधायक शामिल हुए। हालांकि सीएम कमलनाथ डिनर में शामिल नहीं हुए। सिंधिया के कट्टर समर्थक गोविंद राजपूत के निवास पर आयोजित डिनर को सिंधिया के राज्यसभा में जाने की चर्चा से जोड़ा जा रहा है। रात करीब नौ बजे मंत्रियों-विधायकों का राजपूत के बंगले पर पहुंचना शुरू हो गया था। सिंधिया मंत्री तुलसीराम सिलावट व प्राुराम चौधरी के साथ पहुंचे। इसके बाद मंत्री-विधायक आते-जाते रहे। डिनर रात करीब 11.30 बजे समाप्त हुआ। इसके बाद सिंधिया वीआईपी गेस्ट हाउस रवाना हो गए। आरिफ अकील, सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, तरुण भनोत और जीतू पटवारी को छोड़कर सभी मंत्री डिनर में पहुंचे।
प्रदेश अध्यक्ष के सवाल पर साधी चुप्पी 
मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने राज्यसभा जाने और प्रदेश अध्यक्ष के सवाल पर चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि मैं मिलने के लिए आया हूं। तीन महीने पहले भी आया था। सांसद केपी यादव पिता को श्रद्धांजलि देने जाने से पहले यादव के बयान पर वे बोले की मेरे क्षेत्र में गमी होती है, तो मेरा जाने का दायित्व है। किसी को लगे नहीं आना चाहिए, तो स्वीकार है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सांसद यादव के पिता को श्रद्धांजलि दी। यादव के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में मर्यादा होनी चाहिए। मैं संयम रखता हूं। राजनीति का स्तर होना चहिए। मैंने और मेरे पिताजी ने राजनीति का स्तर बनाए रखा। 
मंत्रियों ने राजनीति से किया किनारा
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि हर चीज को राजनीति से जोडऩा ठीक नहीं है। वहीं बाला बच्चन ने कहा डिनर को इस तरह के शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखना ठीक नहीं। प्रदेश अध्यक्ष का फैसला पार्टी को करना है। यदि नेता सक्रिय है, तो ये तो अच्छी बात है। इस तरह के आयोजन पूर्व में भी होते रहे हैं। सिंधिया के खास मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा सिंधिया बड़े नेता हैं। हर चीज़ को राजनीति से जोडऩा ठीक नहीं। हम सब उनके स्वागत के लिए यहां खड़े हैं। प्रदीप जायसवाल ने सिंधिया को राज्यसभा में भेजे जाने की वकालत करते हुए कहा कि वे बड़े नेता हैं और उनके कद का सम्मान किया जाना चाहिए।

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