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 अनु मलिक पर चल रहा यौन उत्पीड़न का केस सबूतों के अभाव में अस्थाई रुप से बंद

 अनु मलिक पर चल रहा यौन उत्पीड़न का केस सबूतों के अभाव में अस्थाई रुप से बंद

 अनु मलिक पर चल रहा यौन उत्पीड़न का केस सबूतों के अभाव में अस्थाई रुप से बंद
  बॉलीवुड सिंगर और इंडियन आइडल-11 के पूर्व जज अनु मलिक को यौन उत्पीडन केस में राहत मिल गई है। उनके खिलाफ अतिरिक्त सबूत नहीं मिलने के कारण उनपर चल रहे केस को फिलहाल बंद कर दिया गया है। यह केस राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) संभाल रहीं थी। सबूतों के अभाव में केस को अस्थाई आधार पर बंद कर दिया गया है। एनसीडब्ल्यू की अंडर सेक्रेटरी भरनाली शोम ने 3 जनवरी 2020 को माधुरी मल्होत्रा (हेड, स्टैंर्ड्डस एंड  प्रैक्ट‍िसेज, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) को एक लेटर लिखा था। इस लेटर में उन्होंने सोना महापात्रा के ट्वीट को मेंशन किया था। ट्वीट के मुताबिक कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न की गवाही देने के बावजूद अनु मलिक को नेशनल टेलीविजन पर ब्रॉडकास्ट किए जाने वाले यंगस्टर्स के शो का जज बनाया गया है। 
लेटर में आगे लिखा था इस मामले में  6 दिसंबर 2019 को आपका जवाब आयोग को मिल चुका है। उपरोक्त के मद्देनजर, शिकायतकर्ता की ओर से कम्युनिकेशन की कमी और पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण आयोग ने केस बंद कर दिया है। एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा है कि उन्होंने शिकायतकर्ता को इस बारे में लिखा था। शिकायतकर्ता ने जवाब में लिखा कि वे इस समय ट्रैवल कर रही हैं और वापस लौटने पर वे मिलेंगी। आयोग ने 45 दिनों तक उनका इंतजार किया और डॉक्यूमेंट्स की मांग की, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। श‍िकायतकर्ता ने अनु मलिक के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली जिन अन्य महिलाओं का जिक्र किया, उनकी ओर से भी कोई जवाब नहीं मिला है। इस तरह अनु मलिक के ऊपर से कुछ समय के लिए यह परेशानी टल गई है। रेखा शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि अनु मलिक के इस केस को स्थाई रुप से बंद नहीं किया गया है, अगर शिकायतकर्ता सबूत पेश करती हैं, तो भविष्य में इस केस को फिर से खोला जा सकता है।

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