विटामिन डी की संतुलित मात्रा सुधार सकती है कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य
दुनिया के करीब 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। विटमिन डी के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत में सुधार किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब पाकिस्तान और क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अगर कुपोषित बच्चों को विटमिन डी सप्लिमेंट्स के हाई डोज दिए जाएं तो न सिर्फ उनका वजन बढ़ता है, बल्कि भाषा का भी विकास होता है। साथ ही शरीर का संचालन तंत्र भी सही तरीके से काम करने लगता है। सनशाइन विटमिन कहा जाने वाला विटामिन डी शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों के लिए कितना फायदेमंद है, इससे हर कोई वाकिफ है। क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पिछले साल भी एक स्टडी की थी जिसमें यह बात सामने आयी थी कि विटमिन डी के सेवन से शरीर को सर्दी-जुकाम और फ्लू से भी बचाया जा सकता है। अब नई रिसर्च ने विटमिन डी के कई और फायदों के बारे में बताया है। इस स्टडी की लीड ऑथर जावेरिया सलीम कहती हैं, 'कुपोषित बच्चों को जब विटमिन डी का हाई डोज दिया गया तो उनके वजन में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। ऐसे में दुनियाभर में कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की सेहत में सुधार के लिए विटमिन डी को गेम चेंजर माना जा सकता है।
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विटामिन डी की संतुलित मात्रा सुधार सकती है कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य