वायुसेना में विमान हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वायुसेना के जितने विमान औसतन सालभर में हादसे का शिकार होते हैं उतने इस बार दो महीनों में ही हो चुके हैं। इस साल अब तक कुल 8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इन हादसों को लेकर वायुसेना चिंतित है। दुर्घटनाग्रस्त हुए इन विमानों में वह मिग-21 बाइसन भी शामिल है जो 27 फरवरी को पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। पिछले दिनों संसद में रक्षा मंत्रालय की तरफ से दावा किया था कि विमान हादसे पहले से घट गए हैं। साल 1990-95 के दौरान प्रति वर्ष 27 विमान हादसे के शिकार हो रहे थे। लेकिन वायुसेना के सुधारात्मक कदमों के बाद 2015-18 के बीच यह आंकड़ा घटकर प्रतिवर्ष 7 तक आ गया। लेकिन इस साल के पहले दो महीनों में ही आठ विमान हादसे के शिकार हो चुके हैं। इस साल पहला विमान हादसा 28 जनवरी को गोरखपुर में हुआ था जब एक जगुआर क्रैश हो गया। इसके बाद 1 फरवरी को एचएएल बेंगलुरु में मिराज-2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 12 फरवरी को जैसलमेर में मिग-27 तथा 8 मार्च को बीकानेर में मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बेंगलुरु में एयरशो के दौरान दो हॉक विमान आपस में टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गए। 27 फरवरी को कश्मीर में एक एमआई हैलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और एक मिग-21 बाइसन पाकिस्तान के युद्धक विमान को मार गिराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना को अलग रखें तब भी बीते दो महीनों में सात विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं। यह संख्या बहुत ज्यादा है। विमान हादसों की मुख्य वजहें उनका पुराना पड़ना, तकनीकी खामियां, पक्षियों से टकराना तथा मानवीय भूल हैं।